चैंबर ऑफ कॉमर्स ने उनका स्वागत किया। इस दौरान जिला के उत्पाद की जानकारी उन्हें दी गई। वह भारत भ्रमण पर आए हुए हैं। उन्हें जिले के उद्योगों की खासियत और उत्पाद के संबंध में भी जानकारी दी गई। उनके आने से यमुनानगर को नयी पहचान मिली है।जिले में कई विश्वस्तरीय औद्योगिक इकाइयां स्थापित हैं और यहां के उत्पाद विदेशों में भेजे जाते हैं, लेकिन यमुनानगर को विश्वपटल पर अभी तक अपेक्षित पहचान नहीं मिल पाई है। यही कारण है कि यूएई के राजकुमार के भारत भ्रमण के दौरान चैंबर्स आफ कॉमर्स की ओर से उन्हें यहां आमंत्रित किया गया।चैंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव विभोर पहुजा ने बताया कि प्रिंस के भ्रमण के दौरान कारोबारियों द्वारा उन्हें यहां के उद्योगों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। प्रिंस को बताया गया कि यहां पर किस प्रकार के उद्योग स्थापित हैं और उनके लिए किन परिस्थितियों व चीजों की आवश्यकता रहती है। यहां स्थापित इस्जेक कंपनी के बारे में भी उन्हें जानकारी दी गई। इस्जेक विश्वस्तरीय इंजीनियरिंग कंपनी है, जिसमें बड़ी-बड़ी मशीनें तैयार की जाती हैं। यहां से मशीनें तैयार कर दुबई सहित अन्य अरब देशों में भेजी जाती है। इसके अलावा यहां के बर्तन उद्योग के बारे उन्हें बताया गया। यहां से बड़ी संख्या में एल्युमिनियम के बर्तन दुबई जाते हैं। वहीं विश्वस्तरीय स्टील बर्तन की भी यहां पर भारी मांग हैं। इसके अतिरिक्त जिले में स्थापित एथेनॉल प्लांट और शुगर मिल सहित अन्य उत्पादों की जानकारी दी गई। विदित हो कि जिले की सरस्वती शुगर मिल एशिया की सबसे बेहतरीन चीनी बनाने वाली कंपनी है।