चूल्हा जलाने के लिए अब एलपीजी का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, बल्कि गोबर व वेस्ट से तैयार गैस से घरों के चूल्हे जलेंगे। रादौर क्षेत्र के गांव सढूरा से यह शुरुआत हो रही है। यहां पर गोवर्धन योजना के तहत सरकार की ओर से बायो गैस प्लांट लगाया जाएगा। इस प्लांट से उत्पन्न गैस लोगों के घरों तक पहुंचेंगी। इससे वेस्ट का समुचित उपयोग हो सकेगा। इस प्लांट से आर्गेनिक खाद भी तैयार होगी। जिसे खेतों में प्रयोग किया जाएगा। करीब 70 लाख रुपये की लागत से यह प्लांट लगेगा। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है।गोवर्धन प्रोजेक्ट के तहत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बायो गैस का इस्तेमाल करने पर जोर दिया जा रहा है। ताकि लोग गोबर को फेंकने के बजाय इसका सुदपयोग कर सके। गांवों में अभी भी काफी पशुपालक हैं। जिस वजह से इस प्रोजेक्ट को चलाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। इसके साथ ही इस प्लांट में कृषि वेस्ट, रसोई घर का वेस्ट और सब्जियां आदि का वेस्ट भी प्रयोग होगा। इससे गांवों में साफ सफाई रहेगी और कचरा इधर उधर नहीं फैलेगा। अभी भी गांवों में पशुपालक गोबर अपनी-अपनी जगह गोबर को एकत्र करते हैं। जिससे गंदगी फैलती है। इसके साथ ही कुरड़ी पर कृषि वेस्ट व अन्य वेस्ट डाला जाता है। इससे कचरे का सही निपटान नहीं हो पाता, लेकिन गोवर्धन प्रोजेक्ट से कचरे का सही निपटान होगा और इसका फायदा ग्रामीणों को मिलेगा। साथ ही आर्गेनिक खाद भी तैयार होगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सढूरा का चयन :
जिले में गोवर्धन योजना के पायलट प्रोजेक्ट के तहत सढूरा का चयन किया गया है। अब यहां पर प्लांट लगाने के लिए एसके टाइल नाम की कंपनी को ठेका दिया गया है। करीब 70 लाख रुपये का बजट प्लांट के लिए है। 400 क्यूसिक मीटर में यह प्लांट लगेगा। ग्राम पंचायत की जमीन पर यह प्लांट लगेगा। जिसकी देखरेख भी ग्राम पंचायत ही करेगी।स्वच्छ भारत मिशन के जिला सलाहकार बलिद्र कटारिया ने बताया कि सढूरा में गोवर्धन प्रोजेक्ट के तहत बायो गैस लगाया जाना है। इसका टेंडर लग चुका है। उम्मीद है कि एक सप्ताह के अंदर इसका कार्य शुरू हो जाएगा।