चंडीगढ : October. 17. 2020।। इनेलो सुप्रीमो व पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला को नहीं लगता कि राज्य की मौजूदा भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर सकेगी। उनका दावा है कि दोनों पार्टियों के विधायक छोड़कर भागेंगे और राज्य में मध्यावधि चुनाव होंगे। चौटाला ने अपने पोते और डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला पर भी जमकर भड़ास निकाली।
गठबंधन सरकार में कुछ भी ठीक नहीं है
*जजपा और भाजपा के विधायक किसी भी समय टूट सकते हैं.
*राजनीतिक हालातों के अनुसार प्रदेश में मध्यावधि चुनाव से इनकार नहीं किया जा सकता है.
*जजपा ने किसानों के मुद्दों को लेकर चुनाव तो लड़ा मगर, आज कृषि कानूनों पर जजपा चुप्पी साधे हुए है.
*जजपा के कई विधायक न केवल नाराज हैं बल्कि वह जजपा छोड़ भी सकते हैं.
चौटाला ने कहा, अगर दुष्यंत ने इनेलो नहीं छोड़ी होती तो आज पार्टी सत्ता में होती और दुष्यंत मुख्यमंत्री होता। ओपी चौटाला ने कहा, मैं और अजय चौटाला जेल में थे। अभय चौटाला ने तो चुनाव लड़ने से ही मना कर दिया था। ऐसे में दुष्यंत ही एकमात्र नेता था, जिसे प्रदेश की कमान दी जाती, मगर दुष्यंत ने अपने नफा-नुकसान किए बिना ही आंकलन करते हुए इनेलो को छोड़ दिया।
पूर्व विधायक व नेता इनेलो छोड़ गए थे वह आज इनेलो में वापसी का रास्ता तलाश रहे हैं
-इनलो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रहे अशोक अरोड़ा, पूर्व मंत्री रामपाल माजरा, संपत्त सिंह, पूर्व विधायक परमिंदर सिंह ढुल समेत कई नेता ऐसे हैं.
चौटाला ने कृषि कानूनों का विरोध करते हुए कहा कि इनेलो द्वारा 20 नवंबर को कुरुक्षेत्र में किसान बचाओ रैली का आयोजन किया जाएगा। पूर्व सीएम ने कहा कि एसवाईएल के पानी पर हरियाणा का पूरा हक है। मगर सरकार की सही पैरवी न करने के चलते हरियाणा को उसका हक नहीं मिल रहा है।