अमेरिका में सार्वजनिक रूप से गन लेकर चलना केवल आत्मरक्षा की कार्रवाई नहीं है। यह अपनी आवाज को दमदारी से उछालने और विरोधियों को खामोश करने का तरीका बनता जा रहा है। इस माह फीनिक्स में इलेक्शन सेंटर के बाहर हथियारबंद प्रदर्शनकारियों ने निराधार आरोप लगाए कि रिपब्लिकन पार्टी के कारी लेक को गवर्नर के चुनाव में धांधली से हरा दिया गया।
अक्टूबर में प्राउड ब्वायज ग्रुप ने नेशविले में फायरआर्म्स के साथ एक रैली में हिस्सा लिया। इसमें रिपब्लिकन पार्टी के विधायकों, सांसदों ने ट्रांसजेंडरों को मेडिकल सुविधा का विरोध किया। अमेरिका में जून में लगभग हर दिन एक हथियारबंद विरोध प्रदर्शन हुआ है। गर्भपात और गन रखने के अधिकार सहित कई मुद्दों पर ये रैलियां हुईं। स्थानीय लायब्रेरी, पार्क, मुख्य सड़क और अन्य स्थानों पर उग्र प्रदर्शन हुए हैं। इन स्थानों पर ही रिपब्लिकन समर्थकों ने सार्वजनिक स्थानों में हथियार ले जाने की छूट का दायरा बढ़ाने के अभियान चलाए हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल में घर से बाहर फायरआर्म्स लेकर जाने के अधिकार को वैध ठहराने के फैसले से लोगों के हौसले बढ़े हैं।
पुलिस को कुछ स्थानों में हथियारबंद लोगों के बीच रक्तपात की आशंका है। इस मामले में राजनीतिक विभाजन साफ नजर आता है। अधिकतर डेमोक्रेट समर्थक फायरआर्म्स से परहेज करते हैं जबकि रिपब्लिकन समर्थकों ने इसे खुले हाथों से अपनाया है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने 700 हथियारबंद प्रदर्शनों के विश्लेषण में पाया कि इनमें खुलेआम गन लेकर चलने वाले लगभग 77 प्रतिशत लोग दक्षिणपंथी विचारों के समर्थक हैं। ये समलैंगिकों के अधिकारों, गर्भपात का विरोध करते हैं। इन लोगों ने अश्वेतों को न्याय के समर्थन में हुई रैलियों का उग्र विरोध किया है। ये पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के झूठ का समर्थन करते हैं कि उन्होंने 2020 के चुनाव में जीत हासिल की थी। सरकार विरोधी सशस्त्र गुटों और प्राउड ब्वॉयज जैसे दक्षिणपंथी लड़ाकू समूहों ने अधिकतर विरोध रैलियों में हिस्सा लिया है। 100 से अधिक आयोजनों में हिंसा भड़क उठी। एंटिफा जैसे वामपंथी एक्टिविस्ट समूहों सहित अन्य गुटों के बीच हाथापाई हुई। रिपब्लिकन पार्टी के नेता हथियारबंद समर्थकों के प्रति नरम रुख रखते हैं। वहीं डेमोक्रेट्स इनके खिलाफ हैं। रिपब्लिकन नेता या उम्मीदवार ऐसे 32 प्रदर्शनों में शामिल हुए, जिनमें वे गन समर्थकों के साथ थे। डेमोक्रेट राजनेताओं ने हथियारबंद लोगों के केवल दो विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लिया है। कई बार तो रिपब्लिकन अधिकारी हथियारों के साथ देखे गए हैं। वाॅशिंगटन स्टेट के प्रतिनिधि रॉबर्ट सदरलैंड ओलंपिया में 2020 में कोविड-19 पाबंदियों के विरोध में हुई रैली में पिस्टल लेकर शामिल हुए थे।
2020 के बाद हथियारबंद लोगों के प्रदर्शन बढ़े
1960 और 1990 में कुछ मौकों पर प्रदर्शनों में हथियारबंद लोग देखे गए थे। लेकिन 2020 के बाद ऐसी घटनाओं का जैसे विस्फोट हो गया है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के खिलाफ प्रदर्शनों और जार्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद रैलियों में हथियार देखे गए थे।
आज सभी तरह के प्रदर्शनों में लोग हैंडगन या सेना जैसी राइफलों के साथ मौजूद रहते हैं। उदाहरण के लिए मई के बाद डलास और फीनिक्स में 14 ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें एफबीआई ऑफिस के बाहर डोनाल्ड ट्रम्प के घर की तलाशी के विरोध और गर्भपात अधिकारों के समर्थन में हुई रैलियां भी हैं। न्यूयॉर्क, वाॅशिंगटन में ऐेसे कई प्रदर्शन हुए हैं। घातक हथियारों से लैस प्रदर्शनकारियों से चिंतित एरिजोना, कोलोरेडो और ओरगॉन में स्थानीय चुनाव अधिकारियों ने अपने दफ्तरों की बुलेटप्रूफिंग की मांग की थी।