इंद्री 3 जुलाई(NIRMAL SANDHU ) थाना प्रबंधक श्री भगवान ने छात्राओं से आह्वान करते हुए कहा है कि डिजिटल युग में जागरूकता ही बचाव का साधन है। आधुनिकता के बढ़ते चलन के साथ-साथ साईबर क्राईम भी बढ़ता ही जा रहा है, इससे सावधानी व सतर्कता से ही बचाव हो सकता है। व्यक्तियों के साथ-साथ डिजिटलता से बच्चे भी अछुते नहीं है। इसलिए हमें सबसे पहले साइबर क्राइम से बच्चों को जागरूक करना है और किसी भी तरह की साइबर ठगी होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके शिकायत कर सकते हैं।
थाना प्रबंधक श्री भगवान बुधवार को राजकीय कन्या सीनियर सेकंडरी स्कूल में छात्राओं को साइबर फ्राड के बारे में जानकारी दे रहे थे। उन्होंने बताया ने कि अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे कि अपना पता, फोन नंबर, पासवर्ड, ईमेल आदि जानकारी किसी भी अनजान व्यक्ति से साझा न करें। यदि आपके साथ कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन माध्यम से असभ्य या आक्रामक होने की कोशिश करे तो चुप ना रहें। ऐसे व्यक्ति को जल्द से जल्द ऑनलाइन ब्लॉक करें और उसकी प्रोफाइल रिपोर्ट करें। ऑनलाइन माध्यम से किसी भी व्यक्ति के साथ कोई भी अनुचित तस्वीर साझा न करें। किसी भी तस्वीर के साथ अपनी लोकेशन जैसे की स्कूल का नाम, घर का पता आदि या व्यक्तिगत जानकारी को कभी भी ऑनलाईन शेयर न करें।
उन्होंने कहा कि अनजान लोगों के ईमेल या अटैचमेंट न खोलें ऐसे अटैचमेंट या ईमेल स्पैम हो सकते हैं, जिसमें किसी प्रकार की अश्लील व अवैध जानकारी भी हो सकती है। याद रखें कि आप जिन स्थानों पर रोजाना जाते हैं, वहां की जानकारी किसी को ऑनलाइन माध्यम से साझा न करें। उन लोगों के साथ ऑनलाइन ‘मित्र‘न बनें जिन्हें आप व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते हैं। ऑनलाइन अजनबी असल जिन्दगी के अनजान व्यक्ति से भी अधिक खतरनाक हो सकता है। ऐसे व्यक्ति जिससे आप ऑनलाइन माध्यम से मिले हो उससे व्यक्तिगत रूप से मिलने की कभी भी कोशिश न करें। यदि बच्चे अपने किसी ऑनलाईन मित्र से मिलते है तो इसकी जानकारी अपने अभिभावक व स्कूल के टीचर को अवश्य दें। अभिभावक भी अपने बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखें। बच्चे भी अगर ऑनलाइन ऐसा कुछ भी देखते हैं या पढ़ते है जो आपको चिंतित करता है, आपको असुरक्षित या असहज महसूस कराता है, उसकी सूचना अपने माता-पिता या जिस पर आप अधिक भरोसा करते हो को जरूर दें।