हरियाणा के पलवल में प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने पथरी का ऑपरेशन कराने आई महिला की आंत की नसें भी काट दी। इससे महिला की हालत बिगड़ी तो उसे दिल्ली रेफर कर दिया। इसका खुलासा तब हुआ, जब महिला को दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह इलाज आयुष्मान स्कीम के तहत कराया गया था।
सरकारी अस्पताल ने भी इसकी जांच की और जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि ऑपरेशन गलत किया गया था। महिला के पति ने कहा कि मेरी पत्नी अब एक जिंदा लाश की तरह हो गई है। मेरी 6 बेटियां हैं। इसकी शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला…
पेट में दर्द हो रहा था, पहले डॉक्टर से दवाई लेते रहे नूंह जिले के आकेडा गांव के रहने वाले आशाराम ने बताया कि उनकी पत्नी किशन प्यारी (65) के पेट में दर्द हो रहा था। पहले तो उन्होंने इसे सामान्य दर्द समझा और डॉक्टर से दवाई लेते रहे। हालांकि उनकी पत्नी को आराम नहीं मिला।
अस्पताल ले गए तो डॉक्टरों ने पथरी बताई इसके बाद 8 मई को वह पत्नी को अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसकी जांच की और कहा कि उसकी पित्त की थैली में पथरी है। डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें ऑपरेशन कराना होगा। जिससे इस पथरी को बाहर निकाला जाएगा।
अस्पताल में ऑपरेशन के बाद तबीयत बिगड़ी इसके बाद उन्होंने ऑपरेशन के लिए पलवल के तुला अस्पताल को चुना। वहां 14 मई को पित्त की पथरी का ऑपरेशन हुआ। इसका खर्चा प्रधानमंत्री आयुष्मान स्कीम के तहत भरा गया। हालांकि ऑपरेशन के बाद उनकी पत्नी की तबीयत फिर बिगड़ गई।
डॉक्टरों ने दिल्ली रेफर किया, किसी ने भर्ती नहीं किया तुला अस्पताल के डॉक्टरों ने अचानक महिला को दिल्ली रेफर करने के लिए कह दिया। वह महिला को दिल्ली ले गए लेकिन वहां किसी ने भर्ती नहीं किया। इस वजह से महिला की हालत और बिगड़ती चली गई। 17 मई को ज्यादा हालत बिगड़ने पर वह उसे वापस तुला अस्पताल ले आए।
जीबी पंत अस्पताल ले गए तो आंत काटने का पता चला तुला अस्पताल में इलाज के बावजूद महिला को आराम नहीं आया। इसके बाद किसी तरह से उन्होंने महिला को दिल्ली स्थित जीबी पंत अस्पताल में भर्ती कराया। जब वहां के डॉक्टरों ने जांच की तो पता चला कि जब डॉक्टरों ने महिला के पित्त की पथरी का ऑपरेशन किया तो पित्त की थैली के साथ आंतों की नसें भी काट दीं। इसी वजह से महिला की हालत बिगड़ी।
पति बोला- पत्नी जिंदा लाश की तरह हुई, चल नहीं सकती आशाराम ने बताया कि उनकी पत्नी की हालत इतनी खराब है कि वह चल भी नहीं सकतीं। वह जिंदा लाश बन कर रह गई हैं। उन्होंने जिला नागरिक अस्पताल पलवल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जिला नागरिक अस्पताल की जांच रिपोर्ट में भी तुला अस्पताल के डॉक्टरों को दोषी पाया गया है।
पुलिस बोली- गलत ऑपरेशन की शिकायत पर FIR की कैंप थाना प्रभारी दिनेश कुमार ने बताया कि उन्हें अस्पताल के गलत ऑपरेशन करने की शिकायत मिली थी। इस मामले में IPC की धारा 336 और 338 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की आगे जांच कर रही है। उसके बाद गलत ऑपरेशन के लिए जिम्मेदार डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।