प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन से जुड़ी वेबसाइट ‘द मोदी स्टोरी’ शनिवार को लॉन्च की गई। इसे महात्मा गांधी की पोती सुमित्रा गांधी कुलकर्णी ने लॉन्च किया। इस वेबसाइट पर मोदी के जीवन से जुड़े कई किस्से मिल जाएंगे, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं। इस वेबसाइट की लॉन्चिंग के फौरन बाद बीजेपी के कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर इसका लिंक शेयर करते हुए तारीफ की। इनमें स्मृति ईरानी और अनुराग ठाकुर भी शामिल हैं। कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी ‘द मोदी स्टोरी’ को लेकर रिएक्शन दिया। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने modistory.in के सोशल मीडिया अकाउंट को शेयर करते हुए मोदी की तारीफ की। कहा- इसमें मोदीजी की वह बातें हैं जो उनके मिलनसार व्यक्तित्व को दर्शाती हैं, इसमें मोदी से जुड़ी कई अनसुनी कहानियां हैं।नीरज चोपड़ा का वीडियो मैसेज
वेबसाइट पर जेवेलियन थ्रो के ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने भी मोदी से पहली मुलाकात का अनुभव साझा किया। वीडियो मैसेज में नीरज ने कहा- जब हम मोदीजी से मिले, तब हमें ऐसा लगा ही नहीं कि हम भारत के प्रधानमंत्री से बात कर रहे हैं। उन्होंने हर खिलाड़ी से बात की। वो हमारे बारे में व्यक्तिगत रूप से काफी बातें जानते थे। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में खेलों का स्तर काफी बेहतर हुआ है।
‘द मोदी स्टोरी’ में मोदी की जीवन यात्रा पर गहराई से जानकारी दी गई है। इसमें कई क्षेत्रों की मशहूर हस्तियों ने अपने अनुभव साझा किए हैं। वेबसाइट के सोशल मीडिया अकाउंट के मुताबिक- यहां मोदी से जुड़े उन तमाम लोगों की बातें और यादें शामिल की गई हैं, जो उन्हें करीब से देखा, समझा और जाना है। ये बातें वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का एक स्रोत हैं। ये उनको एक नया आत्मविश्वास देती हैं कि वे भी मोदी की तरह बन सकते हैं।
आइए देखते है इस वेबसाइट में लिखे मोदी के बचपन से जुड़े अनकहे किस्से-
सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहते थे। उनके एक टीचर ने यह बताया।
मोदी बचपन से ही संन्यासी बनना चाहते थे। बचपन से ही उन्हें संन्यासी जीवन पसंद था। एक बार तो घर ही छोड़कर चले गए थे।
आपातकाल में सिख बने-
मोदी के एक पड़ोसी के मुताबिक, इमरजेंसी के दौरान मोदी ने सिखों का रूप धर लिया था। इस वजह से वो पुलिस से बच जाते थे। इसका भी एक रोचक प्रसंग है। दरअसल, मोदी एक बार सिख भेष में बाहर निकले तो एक पुलिसकर्मी उनके पास आया और पूछा, नरेंद्र मोदी कहां रहते हैं? जिस पर उन्होंने जवाब दिया, मुझे नहीं पता। आप अंदर जाकर पूछताछ कर सकते हैं।पानी के साथ खा ली थी सूखी रोटी-
गुजरात के डॉ. अनिल रावल ने 1980 के दशक में मोदी के साथ यात्रा का एक किस्सा बताया। रावल के मुताबिक- मोदी ने मुझे बताया कि वो एक बार एक स्वयंसेवक ने उन्हें खाने के लिए न्योता दिया। स्वयंसेवक एक झुग्गी में पत्नी और बच्चे के साथ रहता था। एक थाली में, उन्होंने मुझे आधी रोटी और एक दूध की छोटी कटोरी दी। बच्चा मां की गोद में था और दूध की कटोरी को गौर से देख रहा था। मैं समझ गया था कि दूध उसके लिए है। मैंने आधी रोटी पानी के साथ खा ली और दूध छोड़ दिया।
6 भाई बहनों वाले परिवार में मोदी का बचपन गरीबी में गुजरा। वडनगर रेलवे स्टेशन पर उनके पिता की चाय की दुकान थी। स्कूल से लौटने के बाद मोदी पिता का हाथ बंटाते और चाय बेचा करते थे। इसी तरह के कई और किस्से इस वेबसाइट पर मौजूद हैं।