हरियाणा के करनाल जिले के गांव जानी के पाला राम व बाबू राम ने फर्जी कागजात पर धोखे से 3 लोन ले लिए। जब लोन नहीं चुकाया तो बैंक ने आरोपियों की जांच पड़ताल की। तब यह तीनों लोन फर्जी तरीके से लिए जाने की जानकारी मिली। अब करनाल की सिटी थाना पुलिस ने एसबीआई बैंक के मैनेजर की शिकायत पर केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
एएसआई जयपाल ने बताया कि पुलिस जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करेगी। एसबीआई बैंक मैनेजर जगनजोत कौर ने बताया कि गांव जानी में पाला राम व बाबू राम की खेती योग्य भूमि 29 कनाल 9 मरले का मालिक व काबिज खेवट नंबर 105 के मुताबिक जमाबंदी साल 2009-2010 है।
साल 2015 में 5 लाख 77 हजार रुपए का ऋण जमीन रहन करके केसीसी के तहत लिया था। इसका मोरटगेट रजिस्टर्ड डीड नंबर 2160 दिनांक 18 जून 2015 सब रजिस्ट्रार करनाल व रपट नंबर 160 दिनांक 28 दिसंबर 2016 प्रार्थी बैंक के नाम जमाबंदी साल 2009-2010 में दर्ज है।
अन्य अधिकारियों से मिलीभगत करके फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उक्त जमीन पर पीएनबी जुण्डला करनाल से 35 हजार रुपए के लोन को बैंक के लोन व रहन को छिपाते हुए धोखाधड़ी से नकली व झूठे दस्तावेज तैयार करके ले लिया है। इसकी एंट्री जमाबंदी साल 2019-2020 मे दर्ज है।
जिसका रजिस्टरी नंबर 3036 दिनांक 5 जुलाई 2013 दर्ज है। स्टेट बैंक आफ पटियाला, एनडीआरआई करनाल से 7.50 लाख रुपये का लोन प्रार्थी बैंक के लोन व रहन को छिपाते हुए धोखाधड़ी से नकली व झूठे दस्तावेज तैयार करके ले लिया है। इसकी एंट्री जमाबंदी साल 2019-2020 मे दर्ज है।
लोन न भरने के कारण बैंक ने छानबीन की तो बैंक को इन तथ्यों बारे पता चला तथा यह भी पता चला कि अन्य लोन होते हुए भी धोखाधड़ी से अधिकारियों से मिलीभगत करके झूठे व फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के लिए फर्जीवाडा व धोखाधड़ी की है।