डीटीपी व तहसीलदार की मुश्किल बढ़ी, ईडी ने चौकसी ब्यूरो से मांगा संपत्ति का ब्योरा

करनाल : रिश्वत प्रकरण में फंसे डीटीपी विक्रम कुमार व तहसीलदार राजबख्श की मुश्किलें और बढ़ती दिखाई दे रही हैं। चौकसी ब्यूरो के साथ-साथ उन पर आयकर विभाग व प्रवर्तन निदेशालय भी कार्रवाई कर सकता है। आयकर विभाग के साथ आरोपितों की संपत्ति की जानकारी ब्यूरो पहले ही साझा कर चुका है लेकिन अब प्रर्वतन निदेशालय ने भी ब्यूरो से यह ब्यौरा मांगा है।

वहीं चौकसी ब्यूरो की टीम अब डीटीपी की आवाज व लिखाई के सैंपल लेगी, जिसके लिए अदालत ने मंजूरी दे दी है। इन सैंपल की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी तो वहीं चौकसी ब्यूरो को मिली उनकी रिकार्डिंग व डायरी आदि में लिखे लेन-देन सहित अन्य ब्यौरे की लिखावट से मिलान किया जाएगा। दोनों अधिकारियों को सोमवार को फिर अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। चौकसी ब्यूरो (विजिलेंस ) की ओर से अदालत में डीटीपी विक्रम कुमार की आवाज व लिखाई के सैंपल लेने के लिए आवेदन किया गया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। वहीं दोनों आरोपितों को सोमवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंद्रशेखर की अदालत में पेश किया गया, जहां से दोनों आरोपितों को फिर से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अदालत में उनके साथ चौकसी ब्यूरो की ओर से इंस्पेक्टर सचिन टीम के साथ पेश हुए।

बता दें कि आरोपित डीटीपी विक्रम कुमार को पांच लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था जबकि उनके साथ चालक बलबीर सिंह को भी पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। उनके घर से करीब 78 लाख रुपये की रकम व संपत्ति के दस्तावेज भी बरामद किए गए थे। डीटीपी ने पूछताछ में माना था कि इस रकम में साढ़े 14 लाख रुपये तहसीलदार द्वारा दिए गए थे। इसके चलते दो दिन बाद ही तहसीलदार राजबख्श को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। जांच में दोनों आरोपित अधिकारियों की करनाल, पंचकूला, रतिया, फतेहाबाद सहित कई जगह संपत्तियों का पता चला था, जिनकी जांच जारी है। वहीं दोनों अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है और अलग-अलग समय में कई बार रिमांड पर लिए जाने के बाद अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इसके बाद पहली बार सोमवार को उन्हें फिर अदालत में पेश किया गया।

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ईडी ने मांगी जानकारी, लिए जाएंगे आवाज व लिखाई के सैंपल : सचिन

पुलिस को डीटीपी के घर स्थित अलमारी से एक डायरी मिली थी, जिसमें रिश्वत की रकम को लेकर कई नाम लिखे बताए जा रहे हैं। उन्होंने इसमें लेन-देन का पूरा ब्यौरा लिखा है। इसके साथ ही पुलिस को एक रिकार्डिंग भी मिली है। ऐसे में पुलिस आरोपित की लिखाई व आवाज का मिलान करना चाहती है, जिसके लिए सेंपल भेजे जांएगे। उधर चौकसी ब्यूरो के इंस्पेक्टर सचिन का कहना है कि आरोपित डीटीपी की आवाज व लिखाई के सैंपल लेने के लिए अदालत में आवेदन किया था, जिसे मंजूर कर लिया गया है। जैसे ही जांच के बाद रिपोर्ट आएगी, आवाज व लिखाई का मिलान किया जाएगा। वहीं ब्यूरो की टीम आयकर विभाग के अधिकारियों के साथ दोनों आरोपितों की संपत्ति की जानकारी सांझा कर चुके हैं तो अब ईडी ने भी यह ब्यौरा मांगा है, जिसे जल्द दे दिया जाएगा।

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