करनाल, । करनाल नगर निगम में लेन-देन के मामले में गिरफ्तार किए गए निलंबित अधीक्षण अभियंता दीपक किंगर के दो बैंक खातों में जांच के दौरान बड़ी रकम मिली है। इन खातों में एक सेलरी खाता भी है। हालांकि अभी पुलिस ने यह रकम स्पष्ट नहीं की है, लेकिन इन खातों में जमा पूंजी देख जांच टीम भी हैरान रह गई। आरोपित अवैध तौर पर कमाई कर कितनी रकम व संपत्ति जुटा चुका था, इसका खुलासा पुलिस बुधवार को कर सकती है। इसी दिन आरोपित को पांच दिन का रिमांड खत्म होने पर अदालत में पेश किया जाएगा। वहीं इस मामले में एक ठेकेदार का भी नाम सामने आया है, जिसे भी जांच में शामिल किया जा सकता है।
बता दें कि अधीक्षण अभियंता खुद ही अपने जाल में फंसा है। उसने गत वर्ष दिसंबर माह में थाना सिविल लाइन में शिकायत दी थी, जिसमें बताया था कि कोई आरोपित लेन-देन की कोई वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए रंगदारी मांग रहा है। हालांकि सीआइए टू की टीम ने इंचार्ज मोहन लाल के नेतृत्व में मामला सुलझाते हुए उसके कर्मी आरोपित कैथल वासी शुभम व दोस्त साहिल को गिरफ्तार कर लिया था। जांच बढ़ी तो लेन-देन की 32 वीडियो व 10 से अधिक आडियो सामने आई। इस बीच किगर फरार हो गया और काफी दिन तक पुलिस जांच में शामिल नहीं हुआ। बाद में तत्कालीन डीसी निशांत यादव ने लेन-देन मामले की जांच एडीसी योगेश कुमार को दी तो प्रदेश सरकार ने उसे निलंबित कर दिया। एडीसी की जांच के बाद पुलिस ने अधीक्षण अभियंता व पीए विकास शर्मा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। पीए को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल वह जेल में है।
पुलिस की मानें तो आरोपित अधीक्षण अभियंता विकास कार्यो से संबंधित लगभग हर फाइल पास करने की एवज में रकम वसूल करता था। जिस फाइल में जितनी बड़ी खामी अधिक रकम से जुड़ी होती, उसी अनुसार रिश्वत ली जाती थी। वह पहले खुद ही यह करने लगा। बाद में पीए को जरिया बना लिया था।