उत्तर प्रदेश के चुनावी (UP Elections 2022) घमासान में कांग्रेस ने भले ही 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देखकर आधी आबादी को साधने की कोशिश की हो, लेकिन भाजपा का भी काफी दांव महिला मतदाताओं पर लगा हुआ है। पार्टी का मानना है कि विभिन्न लाभार्थी योजनाओं से लाभान्वित और प्रभावित होने वाला बड़ा वर्ग महिलाओं का ही है और उन्हें जो सुविधाएं मिली हैं उसका लाभ उसको चुनाव में मिलेगा। ऐसे में भाजपा की कोशिश महिला मतदान को बढ़ाने पर है।
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भाजपा की कई प्रमुख महिला नेताओं के साथ विभिन्न राज्यों से आई महिला नेता और कार्यकर्ता लगातार महिलाओं के बीच संपर्क और संवाद भी कर रही हैं। उत्तराखंड और पंजाब के विधानसभा चुनाव पूरे हो चुके हैं और इन दोनों राज्यों में महिला मतदाताओं ने बड़ी संख्या में मतदान किया है। उत्तराखंड में 65.37 फीसदी मतदान हुआ है, जिसमें महिला मतदाताओं ने 67.20 फीसदी मतदान किया है, जबकि पुरुष मतदान 62.60 फ़ीसदी रहा। महिलाओं ने 4.60 फीसदी ज्यादा मतदान किया है। इसके पहले 2017 के चुनाव में भी उत्तराखंड में महिला मतदाताओं ने पुरुषों की तुलना में ज्यादा मतदान किया था। पंजाब के चुनाव में भी महिला मतदाताओं ने पुरुषों के साथ लगभग बराबरी की भागीदारी दिखाई है। वहां पर पुरुष मतदान 71.99 फीसदी रहा है, जबकि महिलाओं को मतदान 71.90 फीसदी रहा।
- भाजपा ने योजनाओं को बड़ा मुद्दा बनाया
भाजपा का सबसे बड़ा दांव उत्तर प्रदेश में लगा हुआ है और वहां पर उसने अपनी विभिन्न केंद्र और राज्य की लाभार्थी योजनाओं को बड़ा मुद्दा बनाया हुआ है। इनमें सबसे बड़ा लाभार्थी वर्ग महिलाओं का ही है। चाहे वह रसोई गैस का मामला हो, आवास का मामला हो, शौचालय का मामला हो या अन्य योजनाएं, महिलाएं सीधे लाभान्वित हुई हैं। पार्टी की कोशिश है कि महिलाओं का ज्यादा से ज्यादा मतदान कराया जाए, ताकि उसे लाभ मिल सके।
- महिलाओं के बीच संवाद और संपर्क बनाने का काम जारी
उत्तर प्रदेश में अब तक तीन चरणों का मतदान हो चुका है और चार चरण बाकी हैं। पार्टी ने अपनी इसी मुहिम के तहत चुनाव प्रभारियों की टीम में भी तीन महिला नेताओं को सह प्रभारी बनाया हुआ है। इसके अलावा विभिन्न राज्यों से भी बड़ी संख्या में महिला नेता और कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश में विभिन्न शहरों में डेरा डाले हुए हैं, जो लगातार महिलाओं के बीच संवाद और संपर्क कर उनको अपने साथ लाने की कोशिश कर रही हैं। - भाजपा कर रही है लाभ उठाने की कोशिश
हालांकि कांग्रेस ने भी महिलाओं को लुभाने की कोई कम कोशिश नहीं की है। उसने तो अपने 40 फीसदी टिकट ही महिलाओं को दी है, लेकिन संगठन की कमी और प्रभावी नेतृत्व न होने कारण उसके उम्मीदवार ज्यादातर जगह मुकाबले में ही नजर नहीं आ रहे हैं। इसका लाभ ही भाजपा उठाने की कोशिश कर रही है।