SBI के 45 करोड़ ग्राहक ध्यान दें! अगर आपके पास भी आता है इस तरह का मेल या मैसेज तो बैंक से तुरंत करें संपर्क

  • SBI Customers Alert: अगर आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के ग्राहक हैं तो आपके लिए बेहद काम की खबर है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने लगभग 45 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों के लिए जरूरी सूचना दी है।  बैंक ने अपने ग्राहकों को फिशिंग यानी फ्रॉड (Fishing or fraud) से बचने की अपील की है। बैंक ने इसके लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। 
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ग्राहक यहां करें शिकायत 
फिशिंग ई-मेल, टेक्स्ट मैसेज के साथ-साथ साइबर अपराधियों द्वारा ग्राहकों भेजी जाने वाली वेबसाइटों के लिए एक सामान्य शब्द है। यह शब्द इस तरह से डिज़ाइन किए गए हैं कि ऐसा लगता है कि वे प्रसिद्ध और विश्वसनीय व्यवसायों, वित्तीय संस्थानों और सरकारी एजेंसियों से व्यक्तिगत, वित्तीय और संवेदनशील जानकारी एकत्र करने के इरादे से आए हैं। एसबीआई के नाम का उपयोग करने वाले एक संदिग्ध ईमेल की रिपोर्ट करने के लिए आप report.phishing@sbi.co.in पर लिख सकते हैं।

ग्राहकों को इस तरह ठगा जा रहा

– फिशिंग हमले ग्राहकों के व्यक्तिगत पहचान डेटा और फाइनेंशिल अकाउंट क्रेडेंशियल्स को चुराने के लिए सोशल इंजीनियरिंग और तकनीकी दोनों का उपयोग करते हैं।
– ग्राहक को एक वैलिड इंटरनेट एड्रेस से नकली ई-मेल भेजा जाता है।
– ईमेल में ग्राहक को मेल में दिए गए हाइपरलिंक पर क्लिक करने के लिए कहता है।
– हाइपरलिंक पर क्लिक करने से ग्राहक एक नकली वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं जो कि बिल्कुल रियल साइट के समान ही दिखती है।
– आमतौर पर, साइबर अपराधी द्वारा भेजी गई मेल में या तो ग्राहकों को कोई रिवार्ड्स का लालच देगा या फिर किसी काम को पूरा न कर पाने पर पेनल्टी की चेतावनी रहेगा।
– ग्राहक को अपनी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड और बैंक खाता नंबर आदि को अपडेट करने के लिए कहा जाता है।
– जहां ग्राहक को पसर्नल डिटेल भर कर ‘सबमिट’ बटन पर क्लिक करने को कहा जाता है।
–  जिसके बाद ग्राहक को एक ऐरर पेज मिलता है और फिर ग्राहक उनके शिकार में आ जाते हैं।

देखें फिशिंग से बचने के क्या करें और क्या न करें?

1. क्या न करें
– किसी अन एक्सपेक्टेड सोर्स से ई-मेल के माध्यम से आए किसी भी लिंक पर क्लिक न करें। इसमें गलत कोड हो सकता है या ‘ठग’ का प्रयास हो सकता है।
– किसी ऐसे पेज पर कोई जानकारी न दें जो पॉप-अप विंडो के रूप में सामने आए हों।
– Text मैसेज के जरिए कभी भी किसी भी व्यक्तिगत जानकारी का खुलासा न करें, जिसमें खाता नंबर, पासवर्ड या संवेदनशील जानकारी का कोई संयोजन शामिल है जिसका उपयोग धोखाधड़ी से किया जा सकता है।
– फोन पर या ई-मेल पर किसी अवांछित अनुरोध के जवाब में कभी भी अपना पासवर्ड शेयर न करें।
– हमेशा याद रखें कि पासवर्ड, PIN, TIN आदि जैसी जानकारी पूरी तरह से गोपनीय होती है और यहां तक ​​कि बैंक के कर्मचारियों/सेवा कर्मियों को भी इसकी जानकारी नहीं होती है। इसलिए, मांगे जाने पर भी आपको कभी भी ऐसी जानकारी का खुलासा नहीं करना चाहिए।

2. क्या करें-
– एड्रेस बार में हमेशा प्रॉपर URL टाइप करके साइट पर लॉगऑन करें।
– केवल प्रमाणित लॉगिन पेज पर ही अपना यूजर आईडी और पासवर्ड दें।
– अपना यूजर आईडी और पासवर्ड देने से पहले कृपया सुनिश्चित करें कि लॉगिन पेज का यूआरएल ‘https://’ टेक्स्ट से शुरू होता है, ‘http://’ नहीं। बता दें कि ‘s’  का मतलब ‘सुरक्षित’ होता है और यह इंगित करता है कि वेब पेज एन्क्रिप्शन का उपयोग करता है।
– कृपया ब्राउजर की दाईं ओर स्थित लॉक साइन और वेरीसाइन प्रमाणपत्र भी देखें।
– सुरक्षा के लिए अपने कंप्यूटर को एंटी-वायरस सॉफ़्टवेयर, स्पाईवेयर फ़िल्टर, ई-मेल फ़िल्टर और फायरवॉल प्रोग्राम के साथ नियमित रूप से अपडेट करते रहें।
– यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी लेनदेन वैध हैं, नियमित रूप से अपने बैंक, क्रेडिट और डेबिट कार्ड स्टेटमेंट की जांच करें।
– कृपया याद रखें कि बैंक आपसे कभी भी ई-मेल के माध्यम से आपके खाते की जानकारी वेरिफिकेशन करने के लिए नहीं कहेगा।

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