Shubhkamna City : ग्रेटर नोएडा में बनना था अपार्टमेंट, 14 करोड़ रुपये का चूना लगाने वाला कारोबारी गिरफ्तार

पुलिस का कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक शर्मा कृषि मंत्रालय में काम कर चुका है और वह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अधिकारी रह चुका है, उसने अवर सचिव के पद से नौकरी छोड़ी थी।

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पुलिस का कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक शर्मा कृषि मंत्रालय में काम कर चुका है और वह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अधिकारी रह चुका है, उसने अवर सचिव के पद से नौकरी छोड़ी थी।

दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे बिजनसमैन को गिरफ्तार किया है, जिसने कई लोगों को दो साल के भीतर फ्लैट देने के सपने दिखाए थे। 14 करोड़ भी ऐंठ लिए। कई सरकारी कर्मचारी भी उसके झांसे में आ गए। आरोपी दिवाकर शर्मा कृषि मंत्रालय में भी काम कर चुका है।

लोग जिंदगी भर की कमाई बचाकर सपनों का आशियाना बनाने की सोचते हैं लेकिन कुछ कारोबारी उन्हें ठग लेते हैं। ऐसा ही एक मामला दिल्ली में सामने आया है। यहां सरकारी कर्मचारियों समेत कई लोगों को ठगने के आरोप में 64 साल के एक कारोबारी (Shubhkamna Buildtech news) को गिरफ्तार किया गया है। उसने आवंटन पत्र मिलने के दो साल के अंदर फ्लैट देने का वादा किया था। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने दिवाकर शर्मा को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सोमवार को बताया कि दिवाकर ने अपने साथी पीयूष तिवारी के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई थी और वह उसका निदेशक था।

पुलिस के मुताबिक शर्मा और तिवारी ने लोगों से पैसे लेकर उसे कई कंपनियों और परियोजना में लगा दिया। उन दोनों एवं उनकी कंपनी शुभकामना बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ 2016 में गुलशन सेठी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था और फिर शर्मा को गिरफ्तार किया गया।

ग्रेटर नोएडा में बनना था अपार्टमेंट

पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने जुलाई-सितंबर, 2013 में खरीददारों को अपनी शुभकामना सिटी प्रोजेक्ट में फ्लैट देने का वादा किया था। यह अपार्टमेंट उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में बनना था।

14 करोड़ ऐंठने का आरोप

सेठी ने आरोप लगाया कि कंपनी के निदेशकों ने उन्हें एवं अन्य लोगों को आश्वासन दिया था कि आवंटन पत्र जारी होने के दो साल के अंदर उन्हें मकान मिल जाएंगे लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाए। पुलिस ने बताया कि प्राथमिकी में 60 से अधिक कंपनियों को संलग्न किया गया है और आरोपियों ने 14 करोड़ रुपये से अधिक रकम ‘ऐंठ’ लिए।

पुलिस के अनुसार शर्मा और तिवारी के हाथों सरकारी एवं सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारी ठगे गए, उन दोनों ने फ्लैट की बिक्री का इश्तहार दिया था और एजेंट लगाए थे। संयुक्त पुलिस आयुक्त (आर्थिक अपराध शाखा) छाया शर्मा ने बताया कि जांच के दौरान अधिकारियों द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों से पता चला कि वैधानिक अनापत्ति मिलने से पहले ही बुकिंग कर दी गई थी।

ड़ भी ऐंठ लिए। कई सरकारी कर्मचारी भी उसके झांसे में आ गए। आरोपी दिवाकर शर्मा कृषि मंत्रालय में भी काम कर चुका है।

 

लोग जिंदगी भर की कमाई बचाकर सपनों का आशियाना बनाने की सोचते हैं लेकिन कुछ कारोबारी उन्हें ठग लेते हैं। ऐसा ही एक मामला दिल्ली में सामने आया है। यहां सरकारी कर्मचारियों समेत कई लोगों को ठगने के आरोप में 64 साल के एक कारोबारी (Shubhkamna Buildtech news) को गिरफ्तार किया गया है। उसने आवंटन पत्र मिलने के दो साल के अंदर फ्लैट देने का वादा किया था। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने दिवाकर शर्मा को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सोमवार को बताया कि दिवाकर ने अपने साथी पीयूष तिवारी के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई थी और वह उसका निदेशक था।

 

पुलिस के मुताबिक शर्मा और तिवारी ने लोगों से पैसे लेकर उसे कई कंपनियों और परियोजना में लगा दिया। उन दोनों एवं उनकी कंपनी शुभकामना बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ 2016 में गुलशन सेठी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था और फिर शर्मा को गिरफ्तार किया गया।

 

 

ग्रेटर नोएडा में बनना था अपार्टमेंट

 

पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने जुलाई-सितंबर, 2013 में खरीददारों को अपनी शुभकामना सिटी प्रोजेक्ट में फ्लैट देने का वादा किया था। यह अपार्टमेंट उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में बनना था।

 

14 करोड़ ऐंठने का आरोप

 

 

सेठी ने आरोप लगाया कि कंपनी के निदेशकों ने उन्हें एवं अन्य लोगों को आश्वासन दिया था कि आवंटन पत्र जारी होने के दो साल के अंदर उन्हें मकान मिल जाएंगे लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाए। पुलिस ने बताया कि प्राथमिकी में 60 से अधिक कंपनियों को संलग्न किया गया है और आरोपियों ने 14 करोड़ रुपये से अधिक रकम ‘ऐंठ’ लिए।

 

पुलिस के अनुसार शर्मा और तिवारी के हाथों सरकारी एवं सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारी ठगे गए, उन दोनों ने फ्लैट की बिक्री का इश्तहार दिया था और एजेंट लगाए थे। संयुक्त पुलिस आयुक्त (आर्थिक अपराध शाखा) छाया शर्मा ने बताया कि जांच के दौरान अधिकारियों द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों से पता चला कि वैधानिक अनापत्ति मिलने से पहले ही बुकिंग कर दी गई थी।

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