अंबाला के मोहड़ा में 24 नवंबर को रेलवे ट्रैक जाम करने को लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) ने कमर कस ली है। किसान नेता ग्रामीण एरिया में जाकर किसानों को ट्रैक्टर के साथ रैली में पहुंचने की अपील कर रहे हैं।
साथ ही वॉट्सऐप पर BKU के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी की वीडियो शेयर की जा रही है।
गुरनाम सिंह चढूनी के आरोप हैं कि सरकार ने किसान आंदोलन खत्म कराने के लिए कई वादे किसानों से किए थे, लेकिन सरकार ने उनके साथ वादाखिलाफी की है। किसान आंदोलन की समाप्ति पर सरकार ने किसानों से लिखित में किसानों पर दर्ज सभी केस वापस लेने का वादा किया था। साथ ही MSP पर कमेटी बनाने की बात कही थी, लेकिन अभी तक रेलवे पुलिस ने किसानों पर दर्ज केस वापस नहीं लिए हैं।
जिला प्रधान मलकीत सिंह का कहना है कि वे गांव में जाकर किसानों से रैली में पहुंचने की अपील कर रहे हैं। सभी किसान अपने-अपने ट्रैक्टर लेकर आयोजन स्थल पर पहुंचेंगे।

किसानों का क्यों नहीं हो सकता कर्ज माफ ?
चढूनी के आरोप है कि जब पूंजीपतियों के कर्ज माफ हो सकते हैं तो किसानों के क्यों नहीं। कहा कि सरकार ने लखीमपुर केस में भी किसानों को रिहा नहीं किया है। कहा कि अभी तक सरकार ने किसान आंदोलन के टाईम के वक्त हुए रेलवे केसों को वापस नहीं लिया है। किसान 24 नवंबर को मोहड़ा में रैली करके रेलवे ट्रैक जाम करेंगे। इसी मामले में गुरनाम सिंह चढूनी ने चंडीगढ़ में गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है।

सरकार वापस ले चुकी केस: विज
हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि सरकार आंदोलन के वक्त किसानों पर दर्ज हुए सभी केस वापस ले चुकी है। कुछ मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं, अगर फिर भी कोई मामला है तो उसकी जांच कराएंगे।