आखिरकार विधायक व प्रशासन को बंदा बहादुर गेट की याद आ ही गई। शहीद बाबा बंदा सिंह बहादुर द्वार का निर्माण 4 माह बाद गुरुवार को इस द्वार का निर्माण कार्य शुरू हुआ। पिछले करीब 11 साल से शाहाबाद की सिख संगत की यह मांग थी कि शाहाबाद में अपना इतिहास छोड़ कर गए शहीद बाबा बंदा सिंह बहादुर जी के नाम एक द्वार होना चाहिए। मांग पूरी भी हुई और निर्माण कार्य भी शुरू हो गया था।
लेकिन द्वार का ढांचा खड़ा करने के बाद निर्माण कार्य रुक गया। इसके बाद 7 जुलाई को विधायक ने कहा था कि अगले 20 दिनों में निर्माण कार्य पुनः शुरू हो जाएगा, लेकिन निर्माण कार्य शुरू होने पर चार माह लग गए।
साल 2013 में उद्घाटन : साल 2013 में कांग्रेस विधायक अनिल धन्तोड़ी के कार्यकाल में निष्काम सेवा सोसाइटी के सदस्य उनसे मिले। विधायक ने आग्रह को स्वीकार कर लिया, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं हुई और 2014 में धन्तोड़ी का कार्यकाल खत्म हो गया। इसके बाद 11 सितंबर 2016 को एक निजी पैलेस के बाहर सिख जनसभा में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करके तत्कालीन राज्य मंत्री कृष्ण बेदी ने शहीदी द्वार की घोषणा की और इसके लिए 3 करोड़ 79 लाख की राशि को हरी झंडी दी।
लेकिन द्वार के लिए जिस स्थान को मंजूरी मिली, वह शहर के बाहर थी और जिस पर सोसाइटी ने एतराज जता कर रोक लगवा दी। इसके बाद विधायक रामकरण का कार्यकाल शुरू हुआ और निष्काम सेवा सोसाइटी के सदस्यों ने खेल मंत्री संदीप सिंह और विधायक रामकरण के माध्यम से इस योजना को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। इसके बाद सफलता तो मिली, लेकिन इस योजना हेतु सिर्फ 1 करोड़ 50 लाख की मंजूरी मिली। 20 फरवरी 2021 को विधायक ने शाहाबाद की सिख संगत के साथ अरदास करके द्वार के निर्माण की शुरुआत कारवाई। विधायक ने इस द्वार पर 1 करोड़ 50 लाख रुपए खर्च करने बारे कहा।
लेकिन अब आधिकारिक रूप यह द्वार 2 करोड़ 50 लाख रुपए में तैयार किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि शाहाबाद की धरती से शहीद बाबा बंदा सिंह बहादुर जी का बहुत इतिहास जुड़ा है, जिस लिए निष्काम सेवा सोसाइटी के माध्यम से शाहाबाद की सिख संगत ने अनेकों विधायकों और मंत्रियों से अलग-अलग कार्यकाल में प्रार्थना की थी। फरवरी 2021 में मौजूदा विधायक रामकरण ने इसके लिए मंजूरी दिलवाई थी।
गेट के लिए है आभारी : शिरोमणि अकाली दल हरियाणा स्टेट के वरिष्ठ नेता कंवलजीत सिंह अजराना ने शहीद बाबा बंदा सिंह द्वार के निर्माण कार्य शुरू होने पर प्रसन्नता का इजहार करते हुए कहा कि नई पीढ़ी के लिए यह द्वार एक प्रेरणा स्त्रोत होगा। इसलिए इसका शीघ्र अति शीघ्र निर्माण संपन्न होना चाहिए