यमुनानगर : अवैध खनन पर अंकुश नहीं लग रहा है। बिना ई रवाना बिल के खनन सामग्री लेकर गाड़ियां जोन से निकल रही है। खनन विभाग की ओर से लगभग हर रोज इस तरह की गाड़ियां पकड़ी जाती है। खनन विभाग की टीम ने बूड़िया क्षेत्र में एक और गाड़ी पकड़ी है। दस टायरी इस गाड़ी में 40 एमएम बजरी भरी हुई थी। जब टीम ने जांच की, तो गाड़ी का ई रवाना नहीं था। जिस पर इस गाड़ी को सीज कर दिया गया। चार गाड़ियां दो दिन पहले पकड़ी गई थी। उन्हें भी सीज किया गया है।
पहले ठेकेदारों को खनन विभाग की ओर से बिल बुक दी जाती है। जिसमें मैनुअली बिल काटे जाते हैं। इस बिल के बाद ही वाहन चालकों को रवानगी दी जाती है। रवानगी में कम माल दिखाया जाता था। जिसके जरिए सेल टैक्स, जीएसटी व रायल्टी की चोरी की जाती थी। एक-एक बिल पर कई-कई गाड़ियां निकाली जाती थी। जिसे देखते हुए एक जनवरी से आनलाइन सिस्टम लागू किया गया। इसके तहत खनन का कारोबार करने वालों को ई रवाना साफ्टवेयर पर पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया। एक जनवरी से पहले सभी स्टोन क्रशरों व प्लांट संचालकों का इस पर पंजीकरण कराया गया। यह व्यवस्था इसलिए की गई कि खनन विभाग के पास स्क्रीन प्लांटों से चलने वाली सभी गाड़ियों का आनलाइन रिकार्ड रहेगा।
ताकि अवैध खनन पर रोक लग सके, लेकिन खनन करने वालों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया। फर्जी ई रवाना काटे जाने लगे। दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गोवा सहित कई राज्यों से खरीद दिखाई गई। प्रतापनगर, रणजीतपुर खनन क्षेत्र में कई कंपनियां पकड़ में आई। जिन्होंने फर्जी ई-रवाना बनाकर कच्चा माल की खरीद पोर्टल पर दूसरे राज्यों से दिखा दी। जबकि इतनी दूर से खनिज का परिवहन करना संभव नहीं है। सीज करता है खनन विभाग, जुर्माने की होती है कार्रवाई :