यमुनानगर : मनमानी फीस वसूल रहे निजी स्कूलों व 134 ए के नियम को बहाल करने की मांग को लेकर किसान संयुक्त मोर्चा के बैनर तले अभिभावकों ने प्रदर्शन किया। मोर्चा के लीगल सेल के प्रदेशाध्यक्ष अधिवक्ता साहिब सिंह गुर्जर के नेतृत्व में अभिभावकों ने जिला सचिवालय के सामने हाथों में बैनर व तख्ती लेकर प्रदर्शन किया। बाद में मांगों को लेकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन तहसीलदार कृष्ण कुमार को दिया गया। आरोप है कि अधिकारियों की प्राइवेट स्कूल संचालकों से मिलीभगत है। इसी कारण से उनके हौसलें बुलंद है और वह मनमानी कर रहे हैं। अभिभावक परेशान हैं। शिक्षा मंत्री से कार्रवाई की मांग की : ज्ञापन देने के बाद अभिभावक शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से भी मिले। शिक्षा मंत्री लघुसचिवालय में सीएम की वीडियो कान्फेंस के लिए आए थे। यहां से लौटते हुए अभिभावक उनसे पास पहुंचे और स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की। साथ ही 134ए को बहाल की मांग की। मंत्री ने कहा कि 134ए खत्म कर दिया गया। अब इससे भी अच्छा कानून बना दिया गया है। नियम 134ए के तहत तो केवल 10 प्रतिशत गरीब बच्चों को दाखिला मिलता था, लेकिन आरटीई का लाभ 25 प्रतिशत बच्चों को मिलेगा। दूसरा, नियम 134 ए के तहत लाभ लेने वाले बच्चों को दूरी तह करनी पड़ती थी। इसके लिए ट्रांसपोर्ट की समस्या रहती थी, लेकिन आरटीई के तहत नजदीकी स्कूल में दाखिला मिलेगा। ट्रांसपोर्ट की समस्या दूर हो जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो बच्चे पढ़ रहे हैं, उनकी फीस सरकार वहन करेगी। किताबें व अन्य सामान बेचने वाले स्कूलों पर कार्रवाई होगी। इसके लिए नियम बना दिया गया है। कोई भी स्कूल पांच प्रतिशत से अधिक फीस नहीं बढ़ा सकता। खुद ही बेच रहे हैं किताबें, आंखे बंद किए बैठे हैं अधिकारी : अधिवक्ता साहिब सिंह गुर्जर ने कहा कि दो साल से निजी स्कूल अभिभावकों को वार्षिक शुल्क वसूल रहे हैं। वार्षिक शुल्क न देने वाले अभिभावकों के बच्चों का रिजल्ट रोका जा रहा है। इस तरह से काफी शिकायतें जिला शिक्षा अधिकारी के पास पड़ी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि किताबों के नाम पर खुली लूट मची हुई है। निजी स्कूलों के लिए अधिकृत दुकानों से ही किताबें मिल रही है। अब नियम 134 को समाप्त कर दिया गया है। यह गरीब बच्चों के अधिकारों का हनन है, क्योंकि सरकार ने 25 प्रतिशत का कोटा निर्धारित किया था। अब यह नियम खत्म होने से गरीब बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ाई करने से वंचित हो जाएगा।
ये रहे मौके पर :