अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और राम रहीम का क्या होगा
पंजाब में अब आम आदमी पार्टी की सरकार बनने जा रही है। ऐसे में पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और राम रहीम का क्या होगा, यह बड़ा सवाल है। क्योंकि इन तीनों को आप सरकार से कोई राहत मिलने वाली नहीं है। तीनों के मामले कोर्ट में लंबित हैं और आप सरकार सख्ती से इनके केसों में पैरवी करेगी।
बेअदबी की घटनाओं में राम रहीम के रोल की जांच
वहीं पंजाब में दर्ज बेअदबी की घटनाओं में राम रहीम के रोल की जांच पुख्ता तरीके से करना भी आप के लिए जरूरी होगा। एसआईटी अभी तक सुनारिया जेल जाकर पूछताछ कर रही थी। उसे जांच के लिए प्रोडक्शन वारंट के आधार पर पंजाब लाना आप के लिए चुनौती होगी। हाईकोर्ट सुरक्षा कारणों से उसे पंजाब लाने से मना कर चुकी है।
अब सरकार बदलने के साथ ही अब एडवोकेट जनरल भी बदला जा सकता है, लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एक सीनियर एडवोकेट कहते हैं कि पंजाब में अगर एडवोकेट जनरल बदला भी जाता है तो केस के तथ्य वहीं रहेंगे। सैनी गोलीकांड, मुल्तानी हत्याकांड और भ्रष्टाचार जैसे केसों में फंसे हैं, वहीं मजीठिया ड्रग केस में अंदर हैं।
पूर्व सरकार ने राम रहीन को पंजाब लाने पर जोर नहीं लगाया
हाईकोर्ट के एक सीनियर एडवोकेट ने कहा कि बेअदबी के मामले में सिरसा डेरा मुखी राम रहीम के पंजाब की कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट करीब 6 महीने पहले निकले थे, लेकिन बाबा हाईकोर्ट चला गया। पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान उसे पंजाब लाने के लिए ज्यादा जोर नहीं लगाया। ऐसे में एसआईटी को सुनारिया जेल जाकर ही उससे पूछताछ करनी पड़ी, जिसमें कुछ हाथ नहीं लगा। उसे पंजाब लाकर घटनास्थल आदि दिखाना चाहिए था, ताकि सच सामने आ सके। इसके चलते ही बेअदबी की घटनाओं में इंसाफ मिलने में देरी हुई।
बिक्रम मजीठिया की दिक्कतें बढ़ सकती हैं
केजरीवाल-मजीठिया कोर्ट केस काफी सुर्खियों में रहा था। 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान रैली में अरविंद केजरीवाल ने बिक्रम मजीठिया पर ड्रग तस्करी के गंभीर आरोप लगा दिए थे। इससे नाराज होकर मजीठिया ने मानहानि केस दायर कर दिया था। केजरीवाल ने मजीठिया से ‘माफी’ मांग ली थी और मजीठिया ने केस वापस ले लिया था। केजरीवाल की माफी को गलत बताया गया था। वहीं अब मजीठिया ड्रग केस में जेल में हैं। पंजाब में आप की सरकार है। ऐसे में मजीठिया की दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
मजीठिया की गिरफ्तारी के हक में थी ‘आप’
पंजाब में ड्रग्स का मुद्दा काफी अहम है। ऐसे में मजीठिया के खिलाफ पैरवी में आप सरकार यदि ढील बरतती है तो वह खुद भी घिर सकती है। पार्टी ने चुनाव से पहले मजीठिया की गिरफ्तारी न होने पर चन्नी सरकार पर निशाना भी साधा था। अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में मजीठिया की तस्वीर वायरल हुई थी, तब आप ने खुलकर इसका विरोध किया था।
आप से सवाल उठाया था कि अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद भी मजीठिया को क्यों गिरफ्तार नहीं किया जा रहा। 2018 की एक ड्रग रिपोर्ट के आधार पर मजीठिया को आरोपी बनाया गया था। आप पार्टी के पंजाब मामलों के सह-इंचार्ज राघव चड्ढा ने मजीठिया पर एफआईआर को चन्नी सरकार का चुनावी स्टंट बताया था। चड्ढा ने चन्नी को ‘कंप्रोमाइज्ड सीएम’ बताया था।
सैनी को ‘नैशनल हीरो’ बता चुका है आप नेता
एक ओर जहां पूरी आम आदमी पार्टी बहबल कलां और कोटकपूरा गोलीकांड में सुमेध सैनी की गिरफ्तारी की मांग कर रही थी। वहीं अगस्त 2021 में आप के पूर्व राजस्थान इंचार्ज दीपक बाजपाई ने उन्हें ‘नैशनल हीरो’ बता दिया था। इसके बाद पार्टी को सफाई देनी पड़ी थी। पंजाब में सैनी के खिलाफ कई आपराधिक केस चल रहे हैं।
यह केस कैप्टन सरकार के समय शुरू हुए थे। सैनी पर चुनाव से पहले दर्ज केसों को लेकर भी हाईकोर्ट सवाल उठा चुका है। हालांकि आप सरकार अब इन केसों को कैसे लेती है, यह देखना महत्त्वपूर्ण होगा। सुप्रीम कोर्ट हाल ही में सैनी को हाईकोर्ट द्वारा आपराधिक मामलों में दी गई राहत पर सवाल उठा चुकी है।
गोलीकांड केस की जांच करने वाले पूर्व आईपीएस जीते
अमृतसर (नॉर्थ) से पूर्व आईपीएस अफसर कुंवर विजय प्रताप सिंह बड़े अंतर से जीते हैं। कोटकपूरा गोलीकांड में उनकी एसआईटी की जांच को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने रद्द कर दिया था। मामले में कोर्ट की ऑब्जर्वेशन के खिलाफ उन्होंने डबल बेंच में पिछले वर्ष अगस्त में अपील दायर की थी। मामले में पूर्व डीजीपी सैनी को कुंवर विजय प्रताप सिंह ने ही आरोपी बनाया था।