पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को गिरफ्तार किया गया है। हिसार पुलिस ने शनिवार को ज्योति को कोर्ट में पेश किया, जहां पुलिस को 5 दिन की रिमांड मिल गई।
हिसार पुलिस के मुताबिक, 15 मई को DSP जितेंद्र कुमार के नेतृत्व में एक टीम ने ज्योति को उनके घर से हिरासत में लिया। IB की टीम ज्योति से पूछताछ कर रही है।
हिसार पुलिस के मुताबिक, ‘ज्योति पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के संपर्क में थी। सोशल मीडिया के माध्यम से भारत की गोपनीय जानकारी भेज रही थी। ज्योति तीन बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुकी है, जिसके कारण भारत की सुरक्षा एजेंसियों की उस पर नजर थी।’
वह श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ 2 बार पाकिस्तान जा चुकी थी। इसके अलावा एक बार करतारपुर साहिब के दर्शन करने गई थी। ज्योति के खिलाफ हिसार के सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज किया गया है।
पिछले एक हफ्ते के दौरान हरियाणा से पुलिस ज्योति के अलावा 3 पाकिस्तानी जासूस गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें पानीपत से नोमान इलाही, कैथल से देविंदर सिंह और नूंह से अरमान शामिल है। इसके अलावा, पंजाब के मालेरकोटला से 2 और जालंधर से एक जासूस गिरफ्तार किया जा चुका है।
पाकिस्तान के लाहौर में लोकल फूड का लुत्फ उठाती ज्योति। ज्योति ने यह तस्वीर 16 मार्च 2025 को अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट की हुई है।
ज्योति हिसार की रहने वाली है, बीए तक पढ़ाई की
ज्योति की उम्र 33 साल है। उसका घर हिसार के न्यू अग्रसेन कॉलोनी में है। BA की पढ़ाई की है। अविवाहित है और ज्यादातर दिल्ली में रहती है। 6 मई को वह हिसार से दिल्ली गई थी।
ज्योति के पिता हरीश कुमार मल्होत्रा बिजली निगम से रिटायर्ड हैं। ज्योति का पासपोर्ट 22 अक्टूबर 2018 को बना था। यह 21 अक्टूबर 2028 तक वैध है। ज्योति और उनके पिता के खिलाफ पुलिस में कोई पुराना मामला दर्ज नहीं है।
ज्योति सोशल मीडिया पर एक्टिव है। फेसबुक और यूट्यूब पर 3 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। पिछले 2-3 सालों से वह ‘ट्रैवल विद जो’ नाम से यूट्यूब चैनल चलाती है, जिसमें देश-विदेश की यात्राओं के वीडियो बनाती है। पहले वह गुरुग्राम की एक निजी कंपनी में काम करती थी, लेकिन कोविड के दौरान उसे नौकरी से हटा दिया गया। इसके बाद वह ब्लॉगर बन गई।
ऐसे पाकिस्तानी एजेंट्स के संपर्क में आई ज्योति
- साल 2023 से जासूसी का शक: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2023 में ज्योति ने पाकिस्तान की यात्रा की थी। यह यात्रा उसने उच्चायोग के जरिए वीजा लेकर की थी। इस दौरान ज्योति की मुलाकात पाकिस्तान हाई कमीशन के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुई, जिसके साथ उसके गहरे संबंध बन गए। दानिश के माध्यम से ज्योति की पहचान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अन्य एजेंटों से कराई गई, जिनमें अली अहसान और शाकिर उर्फ राणा शहबाज (जिसका नाम उसने अपने फोन में ‘जट्ट रंधावा’ नाम से सेव किया था) शामिल थे।
- सोशल मीडिया के जरिए एजेंटों के संपर्क में रही: रिपोर्ट के अनुसार, ज्योति इन एजेंटों के साथ वॉट्सएप, टेलीग्राम और स्नेपचैट जैसे एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म्स के जरिए संपर्क में रही। वह न केवल पाकिस्तान के पक्ष में सोशल मीडिया पर सकारात्मक छवि पेश कर रही थी, बल्कि उसने संवेदनशील जानकारियां भी साझा कीं। ज्योति को दानिश और उसके सहयोगी अली अहसान के जरिए पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों (PIO) से मिलवाया गया, जिन्होंने पाकिस्तान में उसके आने-जाने और रहने की व्यवस्था कराई। उसने एक पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी के साथ गहरे संबंध बनाए और हाल ही में उसके साथ इंडोनेशिया के बाली द्वीप की यात्रा भी की थी।
- दानिश को इसी महीने भारत छोड़ने को कहा गया: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश को जासूसी में शामिल होने के आरोप में 13 मई 2025 को भारत सरकार ने परसोना नॉन ग्राटा घोषित किया और उसे देश छोड़ने का आदेश दिया गया। ज्योति को जिम्मेदारी सौंपी गई थी कि वह सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान की सकारात्मक छवि पेश करे। पाकिस्तान उसका इस्तेमाल भारत के विरुद्ध प्रचार और जासूसी गतिविधियों के लिए कर रहा था।