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-हर रोज हादसों में जा रही लोगों की जान, अधिकारी कर रहे महज खानापूर्ति
यमुनानगर : रोड सेफ्टी के कामों के नाम पर मोटा बजट विभागों को मिल रहा है, लेकिन कही पर काम होता नहीं दिख रहा है। सड़क सुरक्षा से संबंधित बैठकों में भी मुद्दा उठता है। जिसमें अधिकारी जल्द से जल्द कार्य करने की बात कह देते हैं। बाद में इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। जिस वजह से ही जिले में सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। आए दिन कही न कही हादसे हो रहे हैं। अधिकतर में सड़क सुरक्षा में खामी होने की वजह से दुर्घटना हो रही है। आरटीआइ से मिली जानकारी के मुताबिक, सड़क सुरक्षा के कामों के लिए वर्ष 2016 से वर्ष 2021 के बीच चार करोड़ 17 लाख 24 हजार रुपये लोक निर्माण विभाग को मिले हैं। इनमें नेशनल हाईवे से लेकर स्टेट हाईवे पर होने वाले कार्य शामिल हैं।
हर माह सड़क सुरक्षा की बैठक होती है। जिसमें एक-एक प्वाइंट व खामियां पर चर्चा होती है। बैठक में अधिकारी गंभीरता दिखाते हैं, लेकिन बाहर निकलते ही निर्देशों को भूल जाते हैं। सड़कों व चौराहे पर कैटआइ, जेब्रा क्रासिग, रिफ्लेक्टर, सड़कों के बीच में सफेद पट्टी, ट्रैफिक कंट्रोल लाइट, संकेतक व चेतावनी बोर्ड तक नहीं लगाए जा रहे हैं। जिससे हर समय हादसों का खतरा बना रहता है। जिले की बात करें, तो यहां 54 ब्लैक स्पाट चिहित किए गए हैं। इन पर ही सबसे अधिक हादसे होते हैं।
बजट की कोई कमी नहीं
आरटीआइ से मिली जानकारी के मुताबिक, सड़क सुरक्षा के कामों के लिए लोक निर्माण विभाग को खूब पैसा मिलता है। जिले की बात करें, तो यहां पर एनएच-73 हाईवे पर कार्य के लिए पांच साल में 88.22 लाख रुपये का बजट मिला। सहारनपुर कुरुक्षेत्र रोड के लिए 17. 69 लाख रुपये का बजट मिला। जगाधरी क्षेत्र में अलग-अलग सड़कों पर कार्यों के लिए 50 लाख रुपये, जगाधरी बिलासपुर रोड के लिए 69.60 लाख रुपये, जगाधरी वर्कशाप रोड के लिए 15.22 लाख रुपये, कलानौर से कैल स्टेट हाईवे के लिए एक करोड़ 60 लाख 38 हजार रुपये और कैल से जगाधरी छछरौली रोड के लिए 16.75 लाख रुपये का बजट छह साल में मिला है।
इन ब्लैक स्पाट पर हो चुके सबसे अधिक हादसे
किशनपुर दामला में 25 हादसे हुए। इसमें 18 की मौत व 18 घायल हुए। करेहड़ा खुर्द नया बाइपास में 23 हादसे हुए। जिसमें 16 की मौत हुई व 25 घायल हुए। नेशनल हाईवे पर बस स्टैंड छप्पर में 26 हादसे हुए। इनमें से 13 की मौत हुई। 18 घायल हुए। नेशनल हाईवे पर कैल में 21 हादसे हुए। 17 की मौत हुई। 14 घायल हुए। बिलासपुर रोड जेल के पास 13 हादसे हुए। पांच की मौत हुई।
यह होने हैं ब्लैक स्पाट
के कामसड़कों पर संकेतक, कैट आइ, सड़कों के गड्ढ़े, ट्रैफिक लाइटों को ठीक कराना आदि कार्य होते हैं। सड़कों पर जहां तीव्र मोड हैं। वहां पर भी संकेतक लगाए जाने हैं। जिससे दूर से आने वाले वाहन चालकों को पता लग सके। इसके साथ ही कुछ सड़कों पर बरम सही नहीं है।