9 महीने बाद मिला चेयरमैन:बीमा रेगुलेटर इरडाई के चीफ पद पर देबाशीष पांडा, भाटिया सेबी के होलटाइम मेंबर बने

आखिरकार करीबन 9 महीने बाद सरकार ने बीमा रेगुलेटर इरडाई के चेयरमैन की नियुक्ति कर दी है। देबाशीष पांडा को इसका प्रमुख बनाया गया है। वे सरकार फाइनेंशियल सर्विसेस विभाग के सेक्रेटरी थे।

 

तीन साल के लिए हुई है नियुक्ति

 

अपॉइंटमेंट्स कमिटी ऑफ कैबिनेट ने इसकी घोषणा की। उनकी नियुक्ति 3 साल के लिए हुई है। पांडा 1987 बैच के IAS अधिकारी हैं जो उत्तर प्रदेश कैडर के हैं। वे इसी साल जनवरी में वित्तीय सेवा के सचिव पद से रिटायर हुए थे। इरडाई के चेयरमैन सुभाष खुंतिया पिछले साल मई में रिटायर हुए थे और तब से यह पद खाली पड़ा हुआ था।

 

अप्रैल 2021 में मंगाया गया था आवेदन

 

अप्रैल 2021 में वित्तमंत्रालय ने इरडाई चेयरमैन पद के लिए आवेदन मंगाया था। उस समय LIC के चेयरमैन एम.आर. कुमार सहित काफी सारे लोगों ने अप्लाई किया था, पर सरकार ने इस पद को नहीं भरा। तमाम इंटरव्यू के बाद फाइनेंशियल सेक्टर रेगुलेटरी अपॉइंटमेंट सर्च कमिटी ने पांडा के नाम की सिफारिश की थी।

 

अपॉइंटमेंट कमिटी ऑफ कैबिनेट के पास भेजा गया था नाम

 

पांडा के नाम को फिर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली अपॉइंटमेंट कमिटी ऑफ कैबिनेट के पास भेजा गया, जहां इसे मंजूरी मिल गई। वित्त सचिव बनने से पहले पांडा इंश्योरेंस और वित्तीय साक्षरता विभाग में थे। वे इरडाई के बोर्ड में सरकार के नॉमिनी डायरेक्टर थे। साथ ही रिजर्व बैंक के भी बोर्ड में थे।

 

उत्तर प्रदेश में भी रहे हैं पांडा

 

उत्तर प्रदेश में पांडा गृह और एग्रीकल्चर एवं कॉर्पोरेशन विभाग के सचिव थे। वे ग्रेटर नोएडा के रेसिडेंट कमिश्नर और सीईओ भी रह चुके हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव थे और एम्स दिल्ली में डेप्यूटी डायरेक्टर भी रहे हैं।

 

SBI के एमडी सेबी के होलटाइम मेंबर बने

 

उधर, दूसरी ओर देश के सबसे बडे बैंक SBI के प्रबंध निदेशक (MD) अश्वनी भाटिया को सेबी का होलटाइम मेंबर बनाया गया है। अपॉइंटमेंट कमिटी ऑफ कैबिनेट ने गुरुवार को उनके नाम को मंजूरी दी। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए की गई है। इसके बाद भी सेबी में अभी होलटाइम मेंबर का एक पद खाली है।

 

मई में रिटायर होने वाले थे

 

भाटिया इसी साल मई में SBI से रिटायर होने वाले थे। अगस्त 2020 में वे MD बने थे। उसके पहले SBI म्यूचुअल फंड के MD एवं CEO थे। उन्होंने अपना करियर 1985 में SBI में एक प्रोबेशनरी अधिकारी के रूप में शुरू किया था। 33 साल का उनका करियर रहा। पिछले महीने ही सरकार ने माधबी पुरी बुच को सेबी का चेयरमैन बनाया था।

 

 

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