Housing Sales Data: आंकड़ों के अनुसार, भारत के आठ प्रमुख आवास बाजारों में कुल बिक्री में 43 फीसदी हिस्सा 45 लाख रुपये तक के मकानों का था.
प्रॉपटाइगर ने ‘रियल इनसाइट रेजिडेंशियल – एनुअल राउंड-अप 2021’ शीर्षक से जारी एक रिपोर्ट में कहा कि आठ प्रमुख आवास बाजारों में मकानों की बिक्री वर्ष 2021 में 13 फीसदी बढ़कर 2,05,936 इकाई हो गई, जो इससे पिछले वर्ष में 1,82,639 इकाई थी. आंकड़ों के अनुसार, भारत के आठ प्रमुख आवास बाजारों में कुल बिक्री में 43 फीसदी हिस्सा 45 लाख रुपये तक के मकानों का था.
अलग सेगमेंट के अलग आंकड़े
रिपोर्ट में कहा गया है कि 45 लाख से 75 लाख रुपये के मूल्य वर्ग के मकानों की हिस्सेदारी 2021 में 27 फीसदी हो गई, जो एक साल पहले 2020 में 26 फीसदी थी. वहीं 75 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक के अपार्टमेंट की हिस्सेदारी पहले के नौ फीसदी से बढ़कर 11 हो गई. एक करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले मकानों की हिस्सेदारी 16 फीसदी से बढ़कर 20 फीसदी हो गई.
इन आठ शहरों का है आंकड़ा
ये आठ प्रमुख शहर हैं – अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-दिल्ली (गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद), एमएमआर (मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे) और पुणे. प्रॉपटाइगर के अनुसार सरकार के नीतिगत समर्थन से वर्ष 2021 में देश में किफायती घरों के लिए आकर्षण बढ़ा है.
सब्सिडी भी मिलती है
महामारी से उबरी अर्थव्यवस्था में बेहतरी की उम्मीद
हाउसिंग डॉटकॉम, प्रॉपटाइगर डॉटकॉम और मकान डॉटकॉम समूह के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने कहा, “सरकारी सब्सिडी के अलावा, आवास ऋण पर ब्याज की कम दरें भी 2021 में देश में घरों की बिक्री के लिये एक प्रमुख कारण रही हैं. अर्थव्यवस्था भी धीरे-धीरे वर्ष के दौरान महामारी की दूसरी लहर के झटके से उबर गई है. उन्होंने कहा, हम 2022 में भी विशेष रूप सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए किफायती घरों के मामले में आवासीय बाजार में और अधिक तीव्र गतिविधियां देखने की उम्मीद कर रहे हैं.”