देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा निगम (LIC IPO) के आईपीओ के बाद भी कंपनी में सरकार हिस्सेदारी बेचेगी। सूत्रों के मुताबिक सरकार अगले 5 साल में एलआईसी में 25 फीसदी तक हिस्सेदारी बेच सकती है। आपको बता दें कि आईपीओ के जरिए सरकार करीब 5 फीसदी हिस्सेदारी कम करने वाली है।
अगले 12 माह का ये है लक्ष्य: सूत्रों के मुताबिक सरकार शुरुआती पेशकश के 12 महीने बाद ही 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। सरकार फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर(LIC IPO) (एफपीओ) के जरिए भी हिस्सेदारी बेच सकती है। सूत्र ने कहा कि एलआईसी आईपीओ के बाद सरकार 2023-24 में इसके एफपीओ पर विचार कर सकती है।
आपको बता दें कि(LIC IPO) एफपीओ को दूसरा पब्लिक ऑफर भी कहा जाता है। इसके जरिए शेयर बाजार में पहले से लिस्टेड कंपनी फंड जुटाने के लिए सार्वजिनक तौर पर अपने शेयर बेचने की पेशकश करती है।
आईपीओ लॉन्चिंग डेट: सूत्र ने कहा, ” रूस-यूक्रेन संकट के कारण(LIC IPO) एलआईसी आईपीओ शेड्यूल में अब तक कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन अगर सलाह मिलती है तो इसे आगे बढ़ाया जा सकता है।” दरअसल, ऐसी खबरें आ रही हैं कि सरकार वैश्विक कारणों को देखते हुए एलआईसी के आईपीओ को 1 अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष में लॉन्च कर सकती है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट: कैपग्रो कैपिटल एडवाइजर्स के संस्थापक और पोर्टफोलियो मैनेजर अरुण मल्होत्रा ने कहा, “हमें आईपीओ (LIC IPO)शुरू करने से पहले यूक्रेन की स्थिति के स्थिर होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए। स्थिति को स्थिर करने में 2-3 सप्ताह लग सकते हैं, जिसके बाद लॉन्चिंग की जा सकती है। अगर हम केवल घरेलू कारकों पर विचार करें, तो एलआईसी आईपीओ 31 मार्च तक जा सकता है। ”
बीएसई के पूर्व अध्यक्ष और रवि राजन एंड कंपनी एलएलपी के संस्थापक एस रवि ने कहा कि यूक्रेन-रूस जंग का असर आईपीओ पर पड़ने की आशंका है। लेकिन मुझे लगता है कि(LIC IPO) एलआईसी और भारत सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि यह बिना किसी गड़बड़ी के हो। रवि के मुताबिक 31 मार्च तक एलआईसी आईपीओ होने की संभावनाएं हैं।