चंडीगढ़ : October. 17. 2020।। केंद्रीय जल शक्ति और सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35। की बहाली की मांग करने वाले नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला एवं महबूबा मुफ्ती व अन्य चार पार्टियों के नेता गण ना केवल अपने मजहबी जुनून को पूरा करने व अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के अंतर्गत राष्ट्र विरोधी कार्य कर रहे हैं, बल्कि पिछले 74 वर्षों से अपनी सत्ता पाने की उत्कंठा में जन्म से ही विदेशी शक्तियों के हाथों का खिलौना बने हुए हैं, यह बात अलग है कि भारत के जांबाज सैनिकों ने उनकी इच्छाएं पूरी नहीं होने दी।
कटारिया ने कहा कौन नहीं जानता कि 1980 वह 1990 से लेकर गत वर्षों तक कश्मीर में सैकड़ों मंदिरों को तोड़ा गया, सैकड़ों हिंदुओं को मौत के घाट उतार दिया गया, उनकी महिलाओं से सरेआम बलात्कार किए गए और 5 लाख से अधिक कश्मीरी पंडितों को वहां से पलायन करना पड़ा और कौन नहीं जानता जब कश्मीरी पंडितों पर जुल्म उठाए जा रहे थे उस समय मुफ्ती मोहम्मद सईद (महबूबा मुफ्ती के पिता) देश के गृहमंत्री थे।
कटारिया ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी जब सारी दुनिया में पाकिस्तान के आतंकवादी व चीन के साम्राज्यवादी चेहरे को बेनकाब करने में लगे हैं ऐसे समय में फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती चीन की मदद से धारा 370 और 35। को वापिस लाने का षड्यंत्र रच रहे हैं, सारा राष्ट्र इनके राष्ट्र विरोधी चेहरे को देख रहा है।
कटारिया ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला के चीन की मदद से धारा 370 को फिर से जम्मू कश्मीर में वापस लाने के बयान को राष्ट्रद्रोही बताते हुए कहा कि फारूक अब्दुल्ला के इस बयान से बिल्ली थैले से बाहर आ गई है। रतन लाल कटारिया ने कहा कि कौन नहीं जानता कि चीन अपनी विस्तार वादी नीतियों के परिणाम स्वरुप भारत के स्।ब् पर एक षड्यंत्र के तहत सीमा विवाद खड़ा कर रहा है एक तरफ तो सारा राष्ट्र चीन की विस्तार नीतियों का दृढ़ता से सामना कर रहा है।
रतन लाल कटारिया ने कहा कि कौन नहीं जानता कि फारुख अब्दुल्ला भी अपने स्वर्गीय पिता शेख अब्दुल्लाह की बोली बोलने लगे हैं, कश्मीर में पिछले 20 वर्षों से आतंकवाद का जो नंगा नाच हो रहा है उसके पीछे शेख अब्दुल्ला और फारुख अब्दुल्ला जैसे लोगों का ही हाथ है,
रतन लाल कटारिया ने कहा कि धारा 370 के कारण फैले आतंकवाद ने ना केवल भारत को बल्कि विश्व की मानवता को ललकारा है! उन्होंने कहा कि भारत का संविधान हमारे लोकतंत्र की आत्मा है धारा 370 हमारे संविधान की आत्मा पर प्रहार करने लगी थी जिसे भारत की संसद ने 5 अगस्त 2019 को समाप्त कर दिया।
रतन लाल कटारिया ने कहा कि देश कैसे भूल सकता है कि जो लोग पिछले 74 सालों से जम्मू कश्मीर में लहूलुहान हो रहे हैं देश उन बहादुर नागरिकों, पुलिसकर्मियों, सुरक्षाकर्मियों, को देश कभी नहीं भूल सकता जिन्होंने कश्मीर को बचाने में अपनी जान गवाई हम उनको नमन करते हैं।
रतनलाल कटारिया ने कहा कि जम्मू कश्मीर में फैल रहे आतंकवाद ने विश्व की मानवता को ललकारा था! आतंकवाद ने मानवतावाद को चुनौती दी थी धारा 370 को समाप्त करके हमने उनके नापाक इरादों को ध्वस्त कर दिया है।
रतन लाल कटारिया ने कहा कि चाहे चीन की विस्तार वादी नीतियों को मद्देनजर रखते हुए हमने ऑस्ट्रेलिया, जापान, यूएस, के साथ मिलकर एक नीतिगत रणनीति अपनाई है, जो ना केवल क्षेत्र में शांति स्थापित करेगी बल्कि चीन की विस्तार वादी नीतियों पर भी नजर रखेगी, फारुख अब्दुल्ला इस प्रकार के राष्ट्र विरोधी ब्यान देकर आग से खेलने का काम ना करें।