निर्माण लागत में वृद्धि से घर की कीमतों में हो सकती है 10 से 15 प्रतिशत तक की वृद्धि

सीमेंट जैसे कच्चे माल पर जीएसटी दर 18 फीसदी कम करने की भी मांग की। उन्होंने सीमेंट और स्टील के निर्यात पर थोड़े समय के लिए प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि डेवलपर्स को आईटीसी का दावा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

नई दिल्ली, । पिछले करीब 45 दिन में निर्माण लागत में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि के कारण मकान महंगे हो सकते हैं। रियल्टी कंपनियों के निकाय क्रेडाई ने सोमवार को कहा कि इस्पात जैसे कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के कारण घर बनाने वाली कंपनियों को अगले महीने से अपनी संपत्तियों के दाम 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ाने पड़ेंगे। क्रेडाई की महाराष्ट्र इकाई क्रेडाई-एमसीएचआई ने इस बीच केंद्र और राज्य सरकारों से डेवलपर्स को इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) की अनुमति देने के अलावा स्टाम्प शुल्क और जीएसटी (माल एवं सेवा कर) दरों को कम करके उद्योग को राहत देने पर विचार करने की मांग की है।

क्रेडाई-एमसीएचआई के अध्यक्ष दीपक गोराडिया ने कहा, इस्पात की कीमतें 35 से 40 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 85 से 90 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं। उन्होंने कहा, सीमेंट के दाम करीब 100 रुपये प्रति बोरी बढ़ गए हैं। ईंधन और परिवहन लागत बढ़ गई है। इसके चलते कुल निर्माण लागत में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

क्रेडाई ने कहा कि वह अपने सदस्यों को अभी निर्माण कार्य बंद करने की सलाह नहीं देगा। हालांकि, यदि मूल्यवृद्धि जारी रहती है तो रियल्टी कंपनियों के पास परियोजनाओं को रोकने और कच्चे माल की खरीद को स्थगित करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा। क्रेडाई-एनसीआर ने हाल में कहा था कि वह निर्माण कार्य और कच्चे माल की खरीद को रोकने पर विचार कर रहा है।

एसोसिएशन के सचिव धवल अजमेरा ने कहा कि निर्माण लागत 400-500 रुपये प्रति वर्ग फुट बढ़ी है, अजमेरा ने सीमेंट जैसे कच्चे माल पर जीएसटी दर 18 फीसदी कम करने की भी मांग की। उन्होंने सीमेंट और स्टील के निर्यात पर थोड़े समय के लिए प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि डेवलपर्स को आईटीसी का दावा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

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