केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (central trade unions) के एक फोरम ने 28 मार्च और 29 मार्च को भारत बंद का ऐलान किया है.ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल कल से शुरू होकर दो दिनों तक चलने की संभावना है. यह भारत बंद मोदी सरकार की उन नीतियों के खिलाफ बुलाया जा रहा है, जिनसे कर्मचारियों, किसानों और आम लोगों पर गलत असर पड़ रहा है.अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (All India Bank Employees Association) ने फेसबुक में कहा है कि बैंकिंग सेक्टर भी इस हड़ताल में शामिल होगा. माना जा रहा है कि इसे असफल बनाने के लिए राज्य सरकारें एस्मा लगा सकती हैं.
दरअसल, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने 22 मार्च 2022 को दिल्ली में एक बैठक की. इसमें विभिन्न राज्यों और सेक्टर में 28-29 मार्च 2022 को दो दिवसीय अखिल भारतीय हड़ताल की तैयारियों का जायजा लिया गया. एक बयान में कहा गया है सरकार की नीतियां आम जनता, मजदूर और किसान विरोधी हैं.
बयान में कहा गया कि एस्मा (हरियाणा और चंडीगढ़) लगने की आशंकाओं के बीच रोडवेज, ट्रांसपोर्ट और बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है.बैंकिंग और इंश्योरेंस सहित फाइनेंशियल सेक्टर भी इस हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं.
कोयला, इस्पात, तेल, टेलिकॉम, पोस्टल, इनकम टैक्स, तांबा, बैंक, बीमा जैसे क्षेत्रों में यूनियनों को भी हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई है.रेलवे और रक्षा क्षेत्र की यूनियनें देशभर में सैकड़ों जगह हड़ताल के समर्थन में भारत बंद करेंगी.
एसबीआई का कहना है कि हड़ताल के कारण बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं. हालांकि, अपनी शाखाओं और ऑफिस में सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था की गई है. कुछ कामकाज प्रभावित हो सकता है.
इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों को 28 और 29 मार्च को ड्यूटी पर आने को कहा है, ऐसा नहीं करने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा. टीएमसी सरकार ने यह भी कहा कि परिवार में बीमारी या मृत्यु जैसी आपातकालीन स्थितियों को छोड़कर कर्मचारियों को कोई आकस्मिक अवकाश नहीं दिया जाएगा.
दूसरी ओर, केरल उच्च न्यायालय ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL), कोच्चि में पांच ट्रेड यूनियनों को देशव्यापी हड़ताल में भाग लेने से रोक दिया था. बीपीसीएल द्वारा कंपनी में ट्रेड यूनियनों के विरोध में शामिल होने को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करते हुए, न्यायमूर्ति अमित रावल ने शुक्रवार को एक अंतरिम आदेश जारी कर यूनियनों को
हड़ताल पर जाने से रोक दिया, ऐसे में बीपीसीएल कर्मचारियों की यूनियनें अब धरने में शामिल नहीं हो सकती.
हालांकि हड़ताल अभी भी बड़ी संख्या में गतिविधियों को प्रभावित कर सकती है, लेकिन जिन क्षेत्रों पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा उनमें बैंकिंग क्षेत्र शामिल है.अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने कहा है कि बैंक कर्मचारी विरोध में शामिल होंगे.
हरियाणा और चंडीगढ़ में बिजली विभाग, रोडवेज और परिवहन क्षेत्र में काम करने वाले भी एस्मा के आसन्न खतरे के बावजूद हड़ताल में शामिल होंगे.
कोयला, इस्पात, तेल, दूरसंचार, डाक, आयकर, तांबे सहित अन्य क्षेत्रों में काम करने वालों के भी आंशिक या पूर्ण रूप से हड़ताल में शामिल होने की संभावना है. ट्रेड यूनियनों के अनुसार, रेलवे और रक्षा क्षेत्र में उनके संघ सैकड़ों स्थानों पर हड़ताल के समर्थन में श्रमिकों को लामबंद करेंगे. केंद्रीय ट्रेड यूनियन जो हड़ताल का आह्वान करने वाले संयुक्त मंच का हिस्सा हैं, वे हैं INTUC, AIUTUC, TUCC, AITUC, HMS, CITU, SEWA, AICCTU, LPF और UTUC.