नई दिल्ली। देश में तीन करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 226 करोड़ रुपये) या इससे अधिक संपत्ति वाले अत्यधिक धनी लोगों की संख्या में पिछले साल 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई। रियल एस्टेट के बारे में परामर्श देने वाली नाइट फ्रैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा है। रिपोर्ट के मुताबिक अत्यधिक धनी लोगों की संख्या में यह बढ़ोतरी शेयर बाजारों में तेजी और डिजिटल क्रांति के चलते हुई। भारत 2021 में विश्व स्तर पर अरबपतियों की आबादी में तीसरे स्थान पर है।
अमेरिका पहले स्थान पर कायम
अमेरिका 748 अरबपतियों के साथ पहले स्थान पर है, जिसके बाद 554 अरबपतियों के साथ चीन का स्थान है। भारत 145 अरबपतियों के साथ तीसरे स्थान पर है। संपत्ति सलाहकार नाइट फ्रैंक ने ‘द वेल्थ रिपोर्ट 2022’ के अपने ताजा संस्करण में कहा कि वैश्विक स्तर पर अत्यधिक धनी लोगों की संख्या 2021 में 9.3 प्रतिशत बढ़कर 6,10,569 हो गई, जो इससे पिछले साल 5,58,828 थी। नाइट फ्रैंक ने एक बयान में कहा, भारत में अत्यधिक धनी लोगों (तीन करोड़ अमेरिकी डॉलर या उससे अधिक शुद्ध संपत्ति) की संख्या में 2021 में सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।..
बेंगलुरु में भारत में सबसे ज्यादा अमीर
रिपोर्ट के अनुसार भारत में अधिक नेटवर्थ वाले अमीरों की संख्या 2021 में 13,637 थी जो इससे पिछले साल 12,287 थी। अत्यधिक धनी लोगों की संख्या में सर्वाधिक वृद्धि बेंगलुरु में देखी गयी। वहां इनकी संख्या 17.1 प्रतिशत बढ़कर 352 हो गयी। उसके बाद दिल्ली (12.4 प्रतिशत बढ़कर 210) तथा मुंबई (नौ प्रतिशत बढ़कर 1,596) का स्थान रहा।
घर खरीदारों के हक में बड़ा फैसला, अब बिल्डर की जगह RWA से ही मिल जाएगी एनओसी
नई दिल्ली। देश के लाखों घर खरीदारों के लिए अच्छी खबर है। आने वाले दिनों में उनको प्रॉपर्टी की खरीदारी सेकेंडरी मार्केट (रीसेल) से करने पर दोहरा ट्रांसफर चार्ज नहीं चुकाना होगा। दरअसल, नोएडा अथॉरिटी ने एक ग्रुप हाउसिंग मामले में स्पष्ट किया है कि अगर किसी हाउसिंग सोसाइटी को अपार्टमेंट आनर्स एसोसिएशन (एओए) या रेजिडेंट वेलफेयर एसोसियेशन (आरडब्ल्यूए) के हवाले कर दिया गया है कि और उस सोसाइटी में किसी प्रॉपर्टी की रीसेल में खरीद-बिक्री होती है तो नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) बिल्डर की जगह RWA से ले सकते हैं। अभी तक रीसेल प्रॉपर्टी का एनओसी बिल्डर ही जारी करता है। इसके एवज में बिल्डर प्रति वर्ग फुट 200 रुपये से 500 रुपये तक ट्रांसफर चार्ज वसूलता है। ऐसे में यह फैसला न सिर्फ नोएडा बल्कि पूरे देश के प्रॉपर्टी बाजार के लिए नजीर बनेगा।
एल्डेको आमंत्रण को लेकर अहम फैसला
नोएडा अथॉरिटी ने ट्रांसफर चार्ज को लेकर अहम फैसला नोएडा के सेक्टर-119 स्थिति एल्डेको आमंत्रण हाउसिंग सोसाइटी को लेकर दिया है। अथॉरिटी ने कहा कि इस हाउसिंग सोसाइटी को 1 जनवरी, 2021 को ही एओए को हैंड ओवर किया जा चुका है। ऐसे में फ्लैट की बिक्री करने वाले को एनओसी के लिए बिल्डर के पास जाने की जरूरत नहीं है। एओए ही एनओसी जारी करे। इस फैसले के बाद बिल्डर द्वारा वसूले जाने वाले ट्रांसफर चार्ज से मुक्ति मिलेगी क्योंकि रजिस्ट्री से पहले एनओसी देने के लिए बिल्डर के पास नहीं जाना होगा। यानी, बिल्डर एनओसी के लिए पैसे नहीं वसूल पाएगा।
एओए और बिल्डर की मिलीभगत से खरीदार परेशान
प्रॉपर्टी सलाहकार सुरजीत यादव ने ने इंडिया टीवी को बताया कि अथॉरिटी ने बिल्डर से एनओसी लेना की बाध्यता को खत्म कर सराहनीय काम किया है। इससे रीसेल बाजार में प्रॉपर्टी खरीदने वाले खरीदारों को फायदा मिलेगा। हालांकि, इसको अमल में लाना अभी भी बहुत मुश्किल है। ऐसा इसलिए कि ज्यादातर हाउसिंग सोसाइटी में एओए या आरडब्ल्यूए बिल्डर के साथ मिले हुए हैं। ऐसे में अगर कोई खरीदार एनओएसी के लिए एओए के पास जाता है तो वो उसे बिल्डर से लेने को कहते हैं। बिल्डर ट्रांसफर चार्ज के नाम पर मोटी रकम वसूलता है। उसमें से कुछ हिस्सा वो एओए के सदस्यों को देता है। इस पूरे प्रकरण में घर बेचने वाला और खरीदने वाला परेशान हो रहा है। इस समस्या से पार पाने के लिए अथॉरिटी को कड़े कदम उठाने होंगे। रीसेल प्रॉपर्टी की बिक्री पर ट्रांसफर चार्ज से प्रॉपर्टी की कीमत काफी बढ़ जाती है।