निवेशकों का मिल सकता है खराब रिस्पांस:सबसे कम समय में LIC के इश्यू को मंजूरी, केवल 23 दिन में क्लीयर हुआ IPO

देश का सबसे बड़ा IPO लेकर आ रही भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने एक और रिकॉर्ड बनाया है। इसके इश्यू को केवल 23 दिनों में सेबी से मंजूरी मिल गई। यह अब तक का ऐतिहासिक रिकॉर्ड है।

बैक्टर्स के इश्यू को 30 दिन में मंजूरी

इससे पहले मिसेज बैक्टर्स के इश्यू को 30 दिन में मंजूरी मिली थी। तब वह रिकॉर्ड था। इसका इश्यू 2020 में नवंबर में आया था। इसने 541 करोड़ रुपए जुटाए थे। सरकारी कंपनी रेलटेल कॉर्प के IPO को अक्टूबर 2020 में 32 दिन में मंजूरी मिली थी। इसने 819 करोड़ रुपए जुटाए थे। सेवन आइसलैंड का इश्यू 35 दिन में क्लीयर हुआ था। इसका साइज 600 करोड़ का था।

मैक्रोटेक के इश्यू को 35 दिन में मंजूरी

इसी तरह से रियल्टी कंपनी मैक्रोटेक के इश्यू को 35, पारादीप को 37, इंडियन रेलवे फाइनेंस को 39, क्राफ्ट्समैन को 43 और अमी ऑर्गेनिक्स को 44 दिन में सेबी की मंजूरी मिली थी। एंटोनी को 45 दिनों में, विजया डायग्नोस्टिक को 46 और केम स्पेशियालिटी को 47 दिनों में सेबी ने मंजूरी दिया था। यह सभी इश्यू 2020 से 2021 के दौरान आए थे। इसमें सबसे ज्यादा रकम इंडियन रेलवे ने 4,633 करोड़ और सबसे कम रकम 300 करोड़ एंटोनी ने जुटाए थे।

दो महीने तक का लगता है समय

अमूमन सेबी किसी भी इश्यू के लिए एक से दो महीने का समय लेता है। हालांकि दो महीने का समय बहुत ही कम मामलों में लिया जाता है। पर LIC के मामले में इसने केवल 23 दिन ही लिया और इसे पास कर दिया। LIC ने 13 फरवरी को सेबी के पास मसौदा (निवेशकों का मिल सकता है खराब रिस्पांस:सबसे कम समय में LIC के इश्यू को मंजूरी, केवल 23 दिन में क्लीयर हुआ IPO) जमा कराया था और इसी हफ्ते इसे मंजूरी मिल गई।

63 हजार करोड़ रुपए जुटाने की उम्मीद

LIC कंपनी में 5% हिस्सा बेचकर 63 हजार करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी में है। हालांकि बाजार में इस समय रूस और यूक्रेन की लड़ाई की वजह से चल रहे उथल-पुथल से यह इश्यू अगले महीने तक टलने की संभावना है। ऐसा माना जा रहा है कि इसके IPO पर बाजार की गिरावट का असर दिख सकता है।

जल्दीबाजी में नहीं लाना चाहिए

उधर, इन्वेस्टमेंट बैंकर्स का कहना है कि LIC के इश्यू को जल्दीबाजी में नहीं लाना चाहिए, क्योंकि बाजार की स्थिति अभी इस तरह की नहीं है। वैसे वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वे इस बात पर चर्चा कर रही हैं कि कब तक इसे लाया जा सकता है। सेबी ने दर्जनों इश्यू को मंजूरी दी है और यह सभी अगले महीने या फिर मई तक के लिए टाल दिए गए हैं।

प्राइस बैंड तय करने का प्रोसेस

सेबी से मंजूरी मिलने के बाद अब LIC का अगला प्रोसेस प्राइस बैंड को तय करना होगा। LIC बोर्ड और इन्वेस्टमेंट बैंकर्स मिलकर इसे करेंगे। कंपनी ने अपना रोड शो पूरा कर लिया है और अब वह आगे की तैयारी कर रही है। जानकारों का मानना है कि बाजार की खराब स्थितियों का सीधा असर रिटेल और बड़े निवेशकों पर दिखेगा, जिससे इस इश्यू को कम रिस्पांस मिल सकता है।

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