15 लाख करोड़ रुपये का नुकसान, भारतीय इनवेस्टर्स को यूक्रेन की GDP से बड़ा झटका
रूस के यूक्रेन पर अटैक के बाद से दुनिया भर के इनवेस्टर्स को तगड़े झटके लग रहे हैं। भारतीय निवेशक भी इससे बचे नहीं हैं। रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव से शुक्रवार को भारतीय निवेशकों को 5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं, 15 फरवरी के बाद से अब तक भारतीय इनवेस्टर्स को 15 लाख करोड़ रुपये (197 बिलियन डॉलर) का नुकसान हुआ है। यह बात इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कही गई है।
करीब 4,000 प्वाइंट गिर गया सेंसेक्स
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का मार्केट कैपिटलाइजेशन डेटा बताता है कि शुक्रवार को यह करीब 246 लाख करोड़ रुपये रहा। वहीं, इससे पिछले सेशन में बीएसई का मार्केट कैपिटलाइजेशन 251 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर था। शुक्रवार को मार्केट कैप करीब 5 लाख करोड़ रुपये घटा है। 15 फरवरी के बाद से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स करीब 4,000 प्वाइंट गिर चुका है और इनवेस्टर्स को 197 अरब डॉलर (करीब 15 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है। पिछले करीब 3 हफ्तों में दलाल स्ट्रीट पर भारतीय निवेशकों को हुआ नुकसान यूक्रेन की जीडीपी से कहीं ज्यादा है। IMF के अनुमान के मुताबिक, साल 2021 में यूक्रेन की जीडीपी 181.03 बिलियन डॉलर की रही।
इस बीच, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 76 के स्तर को पार कर गया। भारत, दुनिया में क्रूड ऑयल का तीसरा सबसे बड़ा इंपोर्टर है। क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतें भारत के ट्रेड और करेंट अकाउंट डेफिसिट को बढ़ा सकते हैं। साथ ही, रुपये पर दबाव बन सकता है और इंपोर्टेड इनफ्लेशन बढ़ सकती है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज में चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार का कहना है कि युद्ध और क्रूड ऑयल के प्राइसेज में आई तेजी ने आर्थिक परिदृश्य और बाजार की उम्मीदों को पूरी तरह बदल दिया है। अगर लड़ाई लंबी चलती है तो ग्लोबल इकनॉमिक ग्रोथ पर असर पड़ सकता है।