Fixed Deposit हो सकता है निवेश का बेहतर विकल्प, लेकिन पैसे लगाने से पहले जान लें ये 5 जरूरी बातें

FD as Investment Option: जमा और बचत के लिए बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposits) बेहतर विकल्प हो सकते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इनमें निवेश ज्यादा सुरक्षित होता है और रिटर्न भी पहले से तय रहता है. इसके अलावा एफडी मार्केट लिंक्ड स्कीम नहीं होते, इसलिए बाजार के उतार चढ़ाव का इन पर कोई असर नहीं होता.
बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट करते समय अलग-अलग टेन्योर चुनने का विकल्प भी मिलता है, ऐसे में आप अपनी सुविधानुसार, 15 दिनों से लेकर 10 साल तक की अवधि के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट कर सकते हैं. लेकिन बैंक FD में अपना पैसा रखने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. आइए जानते हैं कि वो कौन सी जरूरी बातें हैं.

FD लैडरिंग तकनीक है बेहतर विकल्प

फिक्स्ड डिपॉजिट्स में एफडी लैडरिंग एक बेहतर विकल्प है. इसमें पूरे अमाउंट को एक एक बार में निवेश ना करके उसे अलग-अलग टेन्योर में थोड़ा-थोड़ा निवेश किया जाता है. मान लीजिए कि आपके पास 5 लाख रुपये है. इसे आप एक बार में निवेश करने के बजाय अलग-अलग टेन्योर के लिए 5 FD में निवेश कर सकते हैं. इन पांचों एफडी की मैच्योरिटी अवधि भी अलग-अलग होगी. इस तरीके से निवेश करने पर पर्याप्त लिक्वडिटी होगी. इसके अलावा, आप इसे निकाल कर दोबारा भी फिक्स कर सकते हैं. मसलन, पहले एफडी के मेच्योर होने के बाद दूसरा एफडी दो साल बाद मैच्योर होगा. इसे फिर अगले पांच साल के लिए फिक्स किया जा सकता है.
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FD पर मिलता है कम रिटर्न

एफडी में पैसे लगाने से पहले आपको इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए कि अगर आप इनकम टैक्स के 30 प्रतिशत के स्लैब में आते हैं तो FD पर मिलने वाले ब्याज का बड़ा हिस्सा टैक्स में कट जाएगा. बता दें कि बैंक FD पर मिलने वाले ब्याज पर आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स देना होता है. ज्यादातर बैंक FD पर 6.5 प्रतिशत की दर से ब्याज दे रहे हैं. ऐसे में FD अपने पैसे को सुरक्षित रखने का जरिया है न कि बेहतर रिटर्न का जरिया.
स्पेशल डिपॉजिट

कई बार बैंक 444 दिनों या 650 दिनों या 888 दिनों के लिए स्पेशल FD स्कीम लॉन्च करती हैं. इन स्कीम में निवेश करने वालों को बैंकों की ओर से ज्यादा ब्याज दिया जाता है. आप इन स्कीम में निवेश करके ज्यादा रिटर्न जनरेट कर सकते हैं.

स्वीप-इन FD

FD एक लॉक-इन अवधि के साथ आते हैं और ज़रूरत के समय आपको कैश के लिए डिपॉजिट अमाउंट को समय से पहले तोड़ना पड़ता है. इसकी जगह पर आप बैंकों के स्वीप-इन एफडी में भी निवेश कर सकते हैं, जिनमें लिक्विडिटी बनी रहती है और साथ ही आपको FD के बराबर ब्याज भी मिलता है.

स्मॉल फाइनेंस बैंक ज्यादा ब्याज देते हैं

स्मॉल फाइनेंस बैंक प्रमुख बैंकों के मुकाबले FD पर ज्यादा ब्याज की पेशकश करते हैं. स्मॉल फाइनेंस बैंकों में भी आपकी जमा राशि पर 5 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस मिलता है. इसलिए बैंक के परफॉर्मेंस की पड़ताल करने के बाद आप इनमें निवेश करके बेहतर ब्याज का फायदा ले सकते हैं.

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