प्रदेश के बाद अब शहर के विकास के लिए बजट की तैयारी है। निगम अधिकारी खाका तैयार करने में जुटे हुए हैं। इस बार बैठक 16 मार्च को होनी तय हुई है। मेयर मदन चौहान का कहना है कि इस बार बजट खास रहेगा। निगम के संसाधनों से आमदन पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा ताकि विकास की राह में बजट बाधा न बने। प्रयास रहेगा कि अलग-अलग संसाधनों से अधिक राजस्व जुटाया जा सके। साथ ही सफाई, स्ट्रीट लाइट व अन्य विकास कार्यों के लिए बजट बढ़ाए जाने की उम्मीद है। उधर, नगर निगम की आमदन का साधन बनने वाले विभिन्न करों की रिकवरी में नगर निगम अधिकारी हर साल पिछड़ रहे हैं। लक्ष्य बहुत बड़ा निर्धारित किया जाता है, लेकिन रिकवरी में उसके आसपास भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। प्रापर्टी टैक्स की यदि बात की जाए तो वर्ष 2020-21 के लिए 48 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जबकि 12 करोड़ 50 लाख रुपये की रिकवरी हो पाई है। यह तब है जब सरकार ने इस पर भारी-भरकम छूट दी। बजट की बैठक में पार्षद यह मुद्दा उठाएंगे, क्योंकि नगर निगम बजट की कमी से जूझ रहा है। इसका असर विकास कार्यों पर भी देखा जा रहा है। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए नगर निगम का 130 करोड़ 55 लाख 50 हजार रुपये का बजट पास हुआ था।बजट की कमी का असर निगम एरिया में होने वाले विकास कार्यों पर देखा जा रहा है। ठेकेदारों की पेमेंट नहीं हो रही है। काम अधर में पड़े हैं। निगम अधिकारी बजट न होने का रोना रो रहे हैं। 69 कालोनियों को दो वर्ष पहले वैध किया गया था। बजट की कमी के कारण आज तक इनमें काम शुरू नहीं हुआ। इसके अलावा अलग-अलग वार्डों में गलियों और नालियों से संबंधित और भी करोड़ों रुपये के काम हैं जो बजट की कमी के कारण शुरू नहीं हो पा रहे हैं। बैठक में उठाएंगे मुद्दा :
वार्ड 13 से पार्षद निर्मल चौहान, वार्ड आठ से विनोद मरवाह, 20 से पार्षद रेखा राणा, वार्ड चार से देवेंद्र कुमार व पांच से विनय कांबोज का कहना है कि निगम के संसाधनों से आमदन बढ़ाने के लिए अधिकारियों को गंभीर होना चाहिए। अपने ही संसाधनों से आमदन नहीं जुटा पा रहे हैं। जबकि विकास कार्यों के लिए बजट न होने की बात कही जाती है। जब तक अधिकारी ढुलमुल रवैया नहीं छोड़ेंगे तक स्थिति में सुधार नहीं होगा। बैठक में यह मुद्दा उठाया जाएगा। 16 को बुलाई है बैठक :
हाउस की बैठक 16 मार्च को बुलाई गई है। इसमें शहर के विकास के लिए बजट निर्धारित किया जाएगा। हमारा प्रयास है कि विभिन्न संसाधनों से अधिक से अधिक आमदन हो।
मदन चौहान, मेयर।