बंद कमरे की बैठक में सफाई मुद्दे पर पार्षदों ने मेयर को घेरा
बंद कमरे में हाउस की हुई बैठक, मेयर ने पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर पवन बिट्टू व पार्षद पतियों को बाहर भेजा, मामला बढ़ा तो वापस बुलाए
– चारों डेयरी कांप्लेक्स से गोबर उठाने के लिए बनाए गए 85 लाख के बिल की पेमेंट रोकी
संवाद न्यूज एजेंसी
यमुनानगर। नौ माह बाद नगर निगम सदन (हाउस) की बैठक वीरवार को ग्रेपेलिकन के बंद कमरे में हुई। इसमें सफाई के मुद्दे पर पार्षदों ने मेयर को घेरा। डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने के लिए निगम द्वारा लगाए गए 25.95 करोड़ रुपये के सिंगल टेंडर का पार्षदों ने विरोध किया। वहीं सफाई कार्य में घपले का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की। विपक्ष के पार्षदों ने पहले ही कहा था कि वह सफाई व डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने के मुद्दे को जोर शोर से उठाएंगे। यह बात लोगों के सामने न आए इसलिए मेयर मदन चौहान ने सबसे पहले बैठक से मीडियाकर्मियों बाहर भेज दिया। इसके बाद निगम के पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर पवन बिट्टू समेत महिला पार्षदों के पति व प्रतिनिधियों को भी हॉल से बाहर भेज दिया गया। जिस पर पार्षद पतियों ने विरोध जताया। मामला तूल न पकड़े इसलिए मेयर ने पवन बिट्टू व पार्षद पतियों को दोबारा बैठक में बुलाया।
बैठक में सबसे ज्यादा सफाई के मुद्दे पर चर्चा हुई। पार्षदों ने मेयर पर इसे लेकर गंभीर आरोप लगाया। पार्षदों ने कहा कि सफाई के नाम पर बड़ा घपला हुआ है। वार्ड आठ के पार्षद विनोद मरवाह तो अपने साथ पोस्टर ले गए थे। जिस पर लिखा था सफाई बेहला, खा गए माल। पार्षद विनोद मरवाह, निर्मल चौहान व देवेंद्र सिंह ने कहा कि निगम का सारा बजट सफाई व कूड़ा उठाने पर खर्च किया जा रहा है। वार्डों की सफाई, कूड़ा उठान व डेयरी कांप्लेक्स से गोबर उठाने के अलग-अलग टेंडर लगाए जा रहे हैं। फिर भी शहर की सफाई व्यवस्था बेहाल है। 12 से 22 वार्डों से कूड़ा उठाने वाला ठेकेदार बीच में ही काम छोड़ गया। ठेकेदार ने गांव की कुरड़ियों से मिट्टी भी वजन में तोल दी। सफाई के नाम पर जो गोलमाल चल रहा है इसकी जांच होनी चाहिए।
बैठक में पिछली बैठक की पुष्टि पर चर्चा नहीं किए जाने पर भी पार्षदों ने एतराज जताया। उन्होंने कहा कि जब पिछली बैठकों में पास हुए कार्य भी अब तक पूरे नहीं हुए तो आगे कैसे होंगे। अवैध कब्जे नहीं हटाने पर डीटीपी एलसी चौहान, एटीपी मुनेश्वर, बिल्डिंग इंस्पेक्टर कपिल कांबोज व दलबीर की एसीआर में असंतोषजनक लिखने के आदेश निगम कमिश्नर धीरेंद्र खड़गटा ने दिए।
डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने के लिए निगम द्वारा लगाए गए 25.95 करोड़ रुपये के सिंगल टेंडर का पार्षदों ने विरोध किया। पार्षद विनोद मरवाह ने कहा पहले आठ-आठ करोड़ के दो टेंडर 22 वार्डों के लिए लगाए गए थे। अब सभी वार्डों का एक सिंगल टेंडर लगा दिया। ऐसे में घरों से कूड़ा कैसे उठेगा। पहले इसका टेडर लगा दिया गया और अब यह प्रस्ताव हाउस में क्यों लगाया जा रहा है। जिस पर मेयर ने पार्षदों को बताया कि सिंगल टेंडर लगाने की गाइडलाइन निदेशालय से आई थी। पार्षदों ने निदेशालय से गाइडलाइन नहीं आने तक टेंडर को नहीं खोलने की मांग की।
बाक्स
गोबर उठाने वाले ठेकेदार की 85 लाख की पेमेंट रोकी
चारों डेयरी कांप्लेक्स से चार माह तक गोबर उठाने की एवज में की जाने वाली 85 लाख रुपये की पेमेंट को भी रोक दिया गया। पार्षदों ने कहा कि पहले कहा गया कि डेयरी कांप्लेक्स से 6020 टन वार्षिक गोबर निकलता है। बाद में कहा गया कि केवल 110 टन गोबर ही निकलता है। अधिकारियों को 600 और 110 टन के बीच में अंतर नहीं पता। यह एक दूसरे से बिल्कुल भी मेल नहीं खाता। वहीं चार माह में ही 85 लाख रुपये का बिल बना दिया गया। ‘अमर उजाला’ ने 21 मार्च के अंक में यह समाचार पशु डेयरियों की जगह नालियों व सड़कों से उठाया गोबर शीर्षक से प्रकाशित किया था।
बाक्स
सफाई में धांधली हुई – विनोद मरवाह
पार्षद विनोद मरवाह का कहना है कि सफाई व्यवस्था में बड़े स्तर पर धांधली हुई है। इसकी जांच होनी चाहिए। सफाई का पैसा किसने खाया है इसका खुलासा होना चाहिए। वहीं हाउस की बैठक हर माह मीटिंग होनी चाहिए।जब काम नहीं हुए तो कहां गया-निर्मल चौहान
पार्षद निर्मल चौहाना का कहना है कि तीन साल से कोई काम नहीं हुआ। वार्डों में एक लाइट तक नहीं लगी। पिछले ज्यादातर एजेंडे अब तक अधूरे हैं। जब कोई काम ही नहीं हुआ तो निगम में विकास कार्यों के लिए आया सारा पैसा कहां खर्च किया गया। वहीं मीडियाकर्मियों को बाहर भेजना मेयर की तानाशाही को दर्शाता है।
————
मेयर ने चौथे स्तंभ का अपमान किया-देवेंद्र सिंह
पार्षद देवेंद्र सिंह का कहना है कि विधानसभा में भी मीडिया व लोगों के लिए गैलरी बनी होती है। जब वहां कोई पाबंदी नहीं है तो मेयर मीडियाकर्मियों केे हाउस की बैठक से बाहर भेजने वाले कौन हैं। मेयर तानाशाही कर रहे हैं। यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का अपमान है।