जिलाधीश मुकुल कुमार ने बच्चों के माता-पिता व अभिभावकों को चेताया कि वे अपने बच्चों को पश्चिमी यमुना नहर के साथ-साथ अन्य नदियों/नहरों/तालाबों में नहाने के लिए न जानें दें क्योंकि जब बच्चे नदियों/नहरों/तालाबों आदि में नहाते हैं तो अक्सर अनहोनी हो जाती है और बच्चे नदियों/नहरों/तालाबों में डूब जाते हैं।
बच्चे देश का भविष्य हैं और उनकी रक्षा हर कीमत पर की जानी चाहिए व बच्चों को समझाना चाहिए। जिलाधीश मुकुल कुमार ने स्पष्ट किया कि बच्चे हमारे कल का उज्जवल भविष्य हैं और हर मां-बाप/ अभिभावक का परम कर्तव्य है कि वे समय-समय पर अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दें और जरूरी है कि वे बच्चों को नदियों/नहरों/तालाबों में नहाने से होने वाले सम्भावित हादसों से हमेशा चौकन्ना करते रहें। उन्होंने माता-पिता/अभिभावकों से अनुरोध किया है कि वे अपने बच्चों को नदियों/नहरों/तालाबों में नहाने से हमेशा रोकें क्योंकि घटित हनहोनी से परिवार को हुई क्षति को कभी पूरा नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि नोवल कोराना वायरस कोविड-19 की विश्व व्यापी महामारी के चलते स्कूलों/कालेजों को बंद रखा गया है और अकसर बच्चें/विद्यार्थी नदियों/नहरों/तालाबों आदि में नहाने के लिए जाते है और अनहोनी का शिकार हो जाते है। जिससे देश के भविष्य बच्चों की जान चली जाती है। जिन्हें रोकने के लिए बच्चों/विद्यार्थियों को सम्भावित हादसों से चौकन्ना करना होगा और उन्हें नदियों/नहरों/तालाबों में नहाने से रोकना होगा तथा इस कार्य में माता-पिता/अभिभावक अपनी अहम भूमिका निभा सकते है। उन्होंने बताया कि सिंचाई विभाग एवं जल सेवाए मण्डल द्वारा जिला में कई जगह नहरों के किनारों पर लोगों एवं बच्चों द्वारा नदियों एवं नहरों में नहाने से रोकने एंव मनाही के सूचना पट्ट भी लगाए गए है।