यूक्रेन और रूस के बीच चल रही तनातनी के बीच यमुनानगर के सैकड़ों युवा फंसे हैं। हालांकि अभी यूक्रेन में हालात इतने खराब नहीं हैं कि अफरातरफी का माहौल हो, लेकिन वहां पर गए युवाओं के परिजनों को पल-पल चिंता सता रही है कि उनके बच्चे जल्द वापस आ जाएं। ज्यादातर युवाओं ने वापसी की तैयारी भी शुरू कर दी है। उनका सामान पैक है और हवाई जहाज की टिकट भी बुक करा ली है।
जैसे ही हालात खराब होने लगेंगे तो युवा वहां से वापसी कर जाएंगे। हालांकि वहां के शिक्षण संस्थानों की ओर से स्टूडेंट्स को वापस जाने से रोका जा रहा है। संस्थानों की ओर से कहा जा रहा है कि वापस गए तो लेक्चर पूरे नहीं हो पाएंगे जिससे एग्जाम देना मुश्किल होगा। इस तरह से वहां पर गए युवा फंसे हुए हैं कि वे शिक्षण संस्थानों की बात माने या फिर अपने पेरेंट्स की चिंता को देखते हुए अपने देश वापस लौट आएं।
यूक्रेन में गए जिले के कुछ युवाओं ने दैनिक भास्कर से बात की और वहां के हालात और पेरेंट्स की चिंता के बारे में बताया। वहीं कुछ ऐसे हैं जो कि यूक्रेन में पढ़ते हैं लेकिन पहले से भारत आए हुए हैं और वापसी की तैयारी कर रहे थे। एक छात्रा ने बताया कि उन्होंने फिलहाल वापस यूक्रेन जाने का प्लान बदल दिया है।
हमने टिकट बुक करा ली है, कभी भी वापस आ सकते हैं| यूक्रेन की ईवाना फ्रेंक बेशक नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस के चौथे वर्ष में पढ़ाई कर रहे जठलाना निवासी अंकुश शर्मा, यमुनानगर के विश्वकर्मा मोहल्ला निवासी चिराग, ताहरपुर निवासी रितिक मलिक, गांव भूखड़ी निवासी नितिन कांबोज और अन्य स्टूडेंट्स ने बताया कि यूक्रेन में अभी हालात ठीक हैं। उनकी क्लासें चल रही हैं।
हालांकि माता-पिता चिंतित हैं। बार-बार फोन कर कह रहे हैं कि वापस आ जाओ। परिजनों की चिंता को देखते हुए उन्होंने वापस आने की टिकट भी बुक करा ली है। जैसे ही हालात खराब होते दिखेंगे वे यहां से निकल जाएंगे। उन्होंने बताया कि जो टिकट पहले 20 से 25 हजार की थी अब वे दो लाख रुपए तक पहुंच गई है। उन्होंने बुधवार को जो टिकट बुक कराई, वह वीरवार के लिए बुक हुई है और डेढ़ लाख रुपए में बुक हुई है। उनका कहना है कि रूस बॉर्डर से लगते शिक्षण संस्थानों को यूक्रेन में फिलहाल बंद कर दिया गया है।
एमबीबीएस पर 25 लाख का खर्च, इंडिया में एक से डेढ़ करोड़ आता है, इसलिए जाते हैं| यमुनानगर से ज्यादातर युवा यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए हुए हैं। वहां पर एमबीबीएस की पढ़ाई इंडिया से बेहद सस्ती है। एक साल का पांच से छह लाख रुपए का खर्च आता है। एमबीबीएस की पूरी पढाई 22 से 25 लाख रुपए में हो जाती है। वहीं वहां पर एडमिशन लेना भी आसान है जबकि इंडिया में एमबीबीएस में एडमिशन लेना बेहद मुश्किल है। यहां पर एमबीबीएस करने पर एक से डेढ़ करोड़ रुपए का खर्च आता है इसलिए ज्यादातर डॉक्टर बनने का सपना संजोने वाले युवा यूक्रेन में पढ़ाई करने जाते हैं। एक अनुमान के अनुसार यमुनानगर से करीब 200 युवा वहां पर गए हुए हैं।
ज्यादा पैनिक न हों, अभी हालात ठीक हैं
स्टूडेंट्स ने बताया कि जिस तरह से न्यूज में देखने और सुनने को मिल रहा है, उस तरह के हालात यूक्रेन के अंदर नहीं हैं। यहां पर पहले की तरह सब सामान्य है। लोग अपने-अपने बिजनेस पर जा रहे हैं। उनका कहना है कि इतना जरूर है कि यहां के लोग जानना चाह रहे हैं कि यूक्रेन और रूस विवाद पर कब क्या अपडेट है।