यमुनानगर। शहर के सभी वार्डों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की फाइल तीन साल से दबी पड़ी है। नगर निगम हाउस की बैठक में प्रस्ताव पास होने के बाद भी अधिकारी शहर में एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा पाए। दावा तो सीसीटीवी से शहर की सुरक्षा का किया गया था परंतु गंभीरता से इस पर काम नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि कैमरे लगाने पर जो मोटा खर्च होना है उसे देख कर निगम अधिकारियों ने योजना से अपने हाथ पीछे खींच लिए और गेंद गृह विभाग के पाले में फेंक दी। जिस कारण कैमरे लगाने की योजना दो विभागों में फंस कर रह गई है।10 करोड़ रुपये का बना था बजट
सभी 22 वार्डों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव जून 2019 में हुई हाउस की पहली बैठक में पास हुआ था। तब पार्षदों ने एकमत से सभी वार्डों में सीसीटीवी कैमरे लगाने पर हामी भरी थी। जिस पर मेयर मदन चौहान ने निगम अधिकारियों को जल्द ही इसका एस्टीमेट बनाने को कहा था। अधिकारियों ने जो एस्टीमेट बनाया उसे देख कर सब दंग रह गए। एस्टीमेट के अनुसार यदि सभी 22 वार्डों में कैमरे लगाने हैं तो इस पर करीब 10 करोड़ रुपये का मोटा खर्च आएगा। फिलहाल निगम इतनी राशि खर्च करने की स्थिति में नहीं है।पुलिस को भी है बजट का इंतजार
दरअसल जब निगम अधिकारी शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव बना रहे थे उसी दौरान गृह विभाग ने भी शहर के मुख्य चौक, चौराहों व गलियों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश दिए थे। एक ही शहर में दो विभाग कैमरे नहीं लगा सकते थे। इसलिए निगम ने जो एस्टीमेट बनाया था वह पुलिस विभाग को सौंप दिया था। हालांकि पुलिस ने भी इस बजट को ज्यादा बताया था। क्योंकि इससे पहले पंचकूला में जो सीसीटीवी लगे थे उन पर इससे बहुत कम खर्च आया था। सूत्रों की मानें तो अब इसका दोबारा एस्टीमेट बनाने की कवायद चल रही है। वहीं पंचकूला में लगाए गए कैमरों का फार्मूला भी पुलिस अपना सकती है।शहर में कैमरे लगाने इसलिए जरूरी
आए दिन शहर की कॉलोनियों व गलियों में अपराधिक घटनाएं होती रहती हैं। पिछले कुछ दिनों में स्नेचिंग की वारदात काफी बढ़ गई हैं। जिनमें झपटमार महिलाओं से उनकी सोने की चेन, बालियां, मोबाइल झपट कर फरार हो जाते हैं। तब पुलिस को लोगों के घरों में लगे सीसीटीवी की फुटेज जांचनी पड़ती है। कई बार तो जहां वारदात होती है वहां पर कैमरे भी नहीं लगे होते। ऐसे में अपराधियों को पकड़ने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इसके अलावा लूट, हत्या की वारदात भी होती रहती है। चार दिन पहले ही शास्त्री पार्क के पास डीएवी डेंटल कॉलेज की छात्रा से बदमाशों ने गोली मारने की धमकी देकर कार लूटने की कोशिश की थी। ऐसे में सीसीटीवी हों तो अपराधियों को भी पकड़ने में मदद मिलेगी और अपराध पर अंकुश लगने से लोगों को सुरक्षित माहौल मिलेगा।
पुलिस को एस्टीमेट ट्रांसफर कर दिया था: अशोक कुमार
नगर निगम के उप निगम आयुक्त अशोक कुमार का कहना है कि शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाने का एस्टीमेट पुलिस को ट्रांसफर कर दिया था। अब पुलिस को ही कैमरे लगाने हैं।