फेसबुक की फेक कंटेंट रोकने की नई पहल, गलत जानकारी वाली ग्रुप की पोस्ट को ऑटोमैटिक रिजेक्ट करेगी

फेसबुक ने ग्रुप्स के लिए नया फीचर

ग्रुप मेंबर्स के बीच शेयर की गई फेक पोस्ट को कम करने के लिए फेसबुक ने ग्रुप्स के लिए नया फीचर लाया है। इसमें ग्रुप एडमिन को उन पोस्टों को ऑटोमैटिक रिजेक्ट करने वाला अपडेट देता है। यह तब भी काम करेगा जब किसी थर्ड पार्टी फैक्ट चेकर्स ग्रुप की पोस्ट को फेक के रूप में चिन्हित करेगा। इससे किसी यूजर्स के द्वारा पोस्ट किए गए फेक कंटेंट दूसरे मेंबर्स दिखाई देना बंद हो जाएंगे।

कई प्राइवेट ग्रुप होने की वजह से फेसबुक पर सबसे बड़ी समस्या अक्सर देखी जाती है कि गलत जानकारी को जल्दी फैला दिया जाता है। फेसबुक के ग्रुप्स पर कोविड-19 की गलत जानकारी और दूसरे तरह की किसी साजिश को बढ़ावा देने में मदद करने के आरोप लगते रहे हैं।

इसी को देखते हुए फेसबुक ने अपने प्लेटफॉर्म पर बनाए गए ग्रुप्स पर फेक कंटेंट वाले पोस्ट को पहचानने और रिजेक्ट करने वाले ऑटोमैटिक टूल को पेश किया है। इससे बड़े पैमाने पर फेसबुक ग्रुप्स के जरिए गलत जानकारी का प्रचार करने वाले गिरोह को रोकने में मदद मिलेगी। दुनियाभर में लगभग 180 करोड़ से ज्यादा लोग फेसबुक ग्रुप का इस्तेमाल करते हैं। इन्ही ग्रुप का इस्तेमाल समान विचारधारा वाले यूजर्स को अपने ग्रुप में जोड़कर भ्रामक या झूठी जानकारी पोस्ट करने के लिए किया जा रहा है।

गलत कंटेंट वाले पोस्ट ऑटोमैटिक रूप से रिजेक्ट होंगे

फेसबुक ऐप कम्युनिटी की वॉइस प्रेसिडेंट मारिया स्मिथ के मुताबिक प्रमुख सोशल नेटवर्क पर “ग्रुप्स” के एडमिनिस्ट्रेटर सॉफ्टवेयर का ऑप्शन चुन सकते हैं, जो थर्ड पार्टी फैक्ट-चेकर्स द्वारा गलत पाई गई जानकारी को दिखाएगा और इस तरह की पोस्ट को ऑटोमैटिक रूप से रिजेक्ट कर दिया करेगा।

दबाव के चलते ला रहा नया फीचर

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फेसबक पर ग्रुप्स फीचर लाने का मकसद दुनियाभर में फैले सोशल नेटवर्क पर यूजर्स के हॉबी, उनकी दिलचस्पी और एक तरह के काम करने वाले लोगों को कनेक्ट करने के लिए ऑनलाइन स्पेस देने के लिए लाया गया था। नीना जानकोविज और सिंडी ओटिस के 2020 में एक वायर्ड ओपिनियन पीस में पब्लिश ब्लॉग के मुताबिक प्राइवेसी और कम्यूनिटी पर अक्सर बैड एक्टर गलत जानकारी और साजिश फैलाने के लिए करते हैं।

फेसबुक का इस्तेमाल यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से लेकर कोविड -19 महामारी और चुनावों तक के विषयों पर गलत सूचना फैलाने के लिए किया जा रहा जा रहा है, इससे फेसबुक पर लगातार दबाव बन रहा है और उस पर गलत जानकारी का प्रचार करने का आरोप लग रहा है।

सस्पेंड टूल से कमेंट्स करने से भी रोक पाएंगे

स्मिथ के मुताबिक प्लेटफॉर्म ने बुधवार को एक “सस्पेंड” टूल को भी अपडेट किया, इसका इस्तेमाल एडमिस्ट्रेटर ग्रुप को अस्थायी रूप से किसी ग्रुप में पोस्ट करने, कमेंट्स करने से रोक पाएगा। नए मेंबर्स को शामिल करने के इच्छुक ग्रुप्स के लिए फेसबुक ने ईमेल या क्यूआर कोड का इस्तेमाल करके उन्हें बढ़ावा देगा।

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