हरियाणा में कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन के खतरे को लेकर एक ओर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है, वहीं दूसरी ओर सोमवार से डॉक्टरों की हड़ताल मरीजों की परेशानी बढ़ाने वाली है। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक वह काम पर वापस नहीं लौटेंगे। वहीं सरकार ने महामारी का हवाला देते हुए डॉक्टरों को हड़ताल में शामिल नहीं होने का आदेश दिया है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि इस हड़ताल में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डॉक्टरों की तीन मांगे हैं- विशेषज्ञ कैडर का सृजन, स्नातकोत्तर नीति में संशोधन और एस एम ओ की सीधी भर्ती पर रोक। हालही में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ बैठक में एसोसिएशन की एक न सुनी गई। मांगों पर भी कोई सकारात्मक रवैया नहीं अपनाया गया, जिससे बैठक 5 मिनट में ही खत्म करनी पड़ी। इसी दुर्व्यवहार को लेकर शनिवार को एसोसिएशन पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई, जिसमें 13 दिसंबर को तमाम सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी बंद करने का निर्णय लिया गया है। मंगलवार से इमरजेंसी सेवाएं व पोस्टमार्टम सहित तमाम अन्य कार्य भी बंद कर दिए जाएंगे।