हड़ताल के चलते फतेहबाद में रोडवेज को हुआ 10 लाख का घाटा, बैंकों में 18 हजार करोड़ के 20 लाख चेक नहीं हुए क्लियर

केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ मंगलवार को दूसरे दिन भी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और राष्ट्रीय फेडरेशनों के आह्वान पर सीटू, इंटक, एटक, केंद्रीय कर्मचारियों की संयुक्त समन्वय समिति, बीमा, बैंक, बीएसएनएल, डाक कर्मियों, एजी ऑफिस सहित विभिन्न कार्य क्षेत्रों में कार्यरत मजदूरों व केंद्रीय कर्मचारियों ने हड़ताल की। हड़ताल से बैंकों समेत अन्य विभागों में कामकाज प्रभावित हुआ है। यूनियनों की ओर से जगह-जगह प्रदर्शन किया गया।

 

वहीं, परिवहन कर्मचारी संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते हरियाणा में रोडवेज को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। अकेले फतेहाबाद जिले की बात करें तो जिले को करीब 10 लाख रुपये का राजस्व नुकसान उठाना पड़ा है। फतेहाबाद डिपो की रोजाना की इंकम करीब 5 लाख रुपये है, इस हिसाब से दो दिन में 10 लाख का नुकसान हुआ है।

 

रोडवेज जीएम शेर सिंह ने बताया कि हर दिन 5 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। हड़ताल के दौरान परिवहन सेवाएं बनाए रखने के लिए प्रयास किए गए हैं और 60 प्रतिशत तक बसें कल भी चली और आज भी 65 प्रतिशत तक बसें चलवाई गई। उन्होंने बताया कि डिपो में 154 बसें हैं और इनमें 135 रूट पर रहती हैं। इनमें से 44 बसें आज दोपहर तक चल चुकी हैं जबकि काफी बसें शाम तक चल जाएंगी।

 

श्रमिक संगठन एटक की महासचिव अमरजीत कौर ने कहा कि लगभग सभी क्षेत्रों के कर्मचारी और कामगार इस हड़ताल का हिस्सा बने हैं और ग्रामीण इलाकों में भी इसे खासा समर्थन मिल रहा है। उन्होंने बताया कि अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के कर्मचारी भी इसमें शामिल हुए।

 

20 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों की भागीदारी रही- श्रमिक संगठन

अमरजीत कौर ने कहा कि हड़ताल के जरिये श्रमिक संगठनों ने श्रम कानूनों को वापस लेने, निजीकरण की किसी भी योजना को खारिज करने, राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन को बंद करने, मनरेगा के तहत आवंटन बढ़ाने और ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों को स्थायी करने की मांग प्रमुखता से रखी है।

 

18,000 करोड़ रुपये मूल्य के 20 लाख चेक क्लियर नहीं हुए- AIBEA

इस हड़ताल को बैंकिंग कर्मचारी संगठनों का भी अच्छा समर्थन मिल रहा है। सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण की योजना को ठंडे बस्ते में डालने की मांग कर रहे बैंकिंग कर्मचारी संगठन इसका हिस्सा बने। इससे कई राज्यों में बैंकिंग सेवाओं पर असर देखने को मिला है।

 

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि हड़ताल के पहले दिन कर्मचारियों के मौजूद नहीं रहने से देश भर में करीब 18,000 करोड़ रुपये मूल्य के 20 लाख चेकों का निस्तारण नहीं हो पाया। भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघ (बीईएफआई) और अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओए) भी इस हड़ताल का हिस्सा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *