स्वास्थ्य विभाग की ओर बुधवार को इंद्री स्थित तीन मेडिकल स्टोर पर छापे मारे गए।इस छापे मारी के वजह से मेडिकल स्टोर चलाने वालो में हड़कंप मच गया और आनन फानन में सभी ने अपने मेडिकल स्टोर की बंद करके इस कार्रवाई का विरोध किया |
विभाग की ओर से इंद्री के हॉस्पिटल के पास राजेश मेडिकल स्टोर खुला मिला। ड्रग इंस्पेक्टर रीतू मेहला ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से कुछ दिन पहले इंद्री शहर स्थित सभी मेडिकल संचालकों को विभाग के नियम पूरे करने के बारे में बताया गया था। जिसमें स्टोर संचालक को काउंटर अंदर रखना, धूप से दवाईयों को बचाना व सैल परचेज के अलावा अन्य सभी दस्तावेजों को दुरुस्त करने के बारे में कहा गया था। इस दौरान खमियां मिलने पर विभाग की ओर से तीन स्टोर संचालक राजेश मेडिकल स्टोर, चिराग व काम्बोज मेडिकल स्टोर को पांच दिन के लिए सस्पेंशन के ऑर्डर जारी किए गए थे। जिसके तहत इन स्टोर पर सैल परचेज का काम नहीं हो सकता था।
मामले की जांचने के लिए विभाग की ओर से बुधवार को मेडिकल स्टोर की जांच पड़ताल की गई। विभाग की जांच में चिराग व काम्बोज मेडिकल स्टोर बंद मिले जबकि राजेश मेडिकल स्टोर पर काम चल रहा था। कार्रवाई को अमल में लाते हुए इस स्टोर को पांच दिन के लिए सील कर दिया गया है। विभाग की छापेमारी से आस पास के अन्य स्टोर संचालक भी अपनी दुाकनों को बंद कर मेडिकल एसोसिएशन के साथ एकत्रित हो गए। करीब दो घंटे तक विभाग ने दस्तावेजों की जांच की।
हालांकि विभाग को स्टोर पर किसी प्रकार की कोई अवैध दवाई व एमटीपी किट नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि इससे पहले विभाग की ओर से जांच पड़ताल में मेडिकल संचालकों का जवाब संतोषजनक नहीं मिला था जिस पर कार्रवाई करते हुए लाइसेंसी अथॉरिटी ऑफ करनाल की ओर से तीन स्टोर संचाकलों को पांच दिन के लिए सस्पेंशन ऑर्डर जारी किए गए थे। उन्होंने बताया कि समय समय पर विभाग की ओर से इंद्री क्षेत्र के सैंपलिंग की जाती है ताकि दवाईयों की गुणवत्ता का पता लगाया जा सके। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के विभाग को सख्त आदेश दिए गए है। किसी भी दुकान पर नशारोधी दवाई मिलती है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग की ओर से इससे पहले औंगद के मेडिकल स्टोर, करनाल के करीब तीन मेडिकल स्टोर संचाकलों के भी लाइसेंस रद्द किए गए थे।
–इंद्री मेडिकल एसोसिएशन के प्रधान राजकुमार ने बताया कि विभाग की ओर से छोटीे छोटी बातों को लेकर मेडिकल स्टोर संचालकों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि परचेज के वह पूरे बिल दिखा सकते हैं लेकिन सैल के बिल को दिखाना मुश्किल होता है क्योंकि स्टोर पर दवाई थोड़ी मात्रा में बैची जाती हैं जिसका हर दिन हिसाब रखना थोड़ा मुश्किल है। विभाग को इन दुकानों पर किसी प्रकार की कोई अवैध दवाईयां नहीं मिली है। इंद्री शहर में किसी प्रकार का कोई अवैध कार्य नहीं हो रहा है। रोषस्वरूप सभी दुकानों ने अपने स्टोर बंद कर दिए। उनका कहना है कि बेवजाह उन्हें परेशान किया जा रहा है।
रीतू मेहला ड्रग इंस्पेक्टर
राज कुमार इंद्री मेडिकल एसोसिएशन के प्रधान