हवा की रफ्तार कम होने से राजधानी दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक फिर से बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया है। सफर का अनुमान है कि अगले दो दिनों में हल्की बूंदाबांदी के चलते लोगों को प्रदूषण से राहत मिल सकती है।
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मौसम के अलग-अलग कारकों के चलते दिल्ली के लोगों को इस बार सामान्य से अधिक प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है। गुरुवार के दिन दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 307 अंक पर पहुंच गया। इस स्तर की हवा को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है। इससे एक दिन पहले बुधवार को सूचकांक 211 अंक पर रहा था। इस तरह चौबीस घंटे के भीतर इसमें 96 अंकों की बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली के 19 निगरानी केंद्र ऐसे हैं, जहां की हवा गुरुवार के दिन बेहद खराब श्रेणी में रही।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक गुरुवार शाम पांच बजे दिल्ली की हवा में प्रदूषक कण पीएम-10 का स्तर 267 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर और पीएम-2.5 का स्तर 143 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा। मानकों के मुताबिक हवा में पीएम-10 का स्तर 100 और पीएम-2.5 का स्तर 60 से नीचे होने पर ही उसे स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। इस हिसाब से दिल्ली की हवा में सामान्य से ढाई गुना ज्यादा प्रदूषक कण मौजूद हैं।
सफर का अनुमान है कि दिल्ली के लोगों को जल्द ही प्रदूषण भरी हवा से राहत मिल जाएगी। अगले दो दिनों के बीच दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो लोगों को प्रदूषण से काफी हद तक राहत मिलेगी।