अवैध खनन से यमुना नदी व हजारों एकड़ उपजाऊ भूमि हो रही बर्बाद

यमुनानगर: अगर आप यमुनानगर से शादीपुर होते हुए जठलाना, गुमथला व करनाल जाते हैं तो रास्ते में आपको जठलाना व गुमथला के बीच में दूर छोटे मिट्टीनुमा पहाड़ दिखाई देंगे। दूर से नजारा ऐसा दिखता है कि जैसे आप किसी छोटे हिल स्टेशन में प्रवेश कर रहे हैं और इन छोटे पहाड़ों में सूर्य उदय या अस्त के अद्भुत नजारे का आप आनंद उठा रहे हैं। बता दें यह पहाड़ नहीं हैं। यह जठलाना व गुमथला के खनन ठेकेदारों द्वारा इकट्ठा किया गया रेत का स्टॉक है।

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रादौर विधानसभा क्षेत्र में जठलाना व गुमथला के बीच आधा दर्जन से ज्यादा खनन घाट हैं। खनन ठेकेदारों ने यमुना नदी से रेत निकाल कर साथ लगते खेतों में बहुत बड़ा स्टॉक इकट्ठा किया हुआ है। रेत को यमुना नदी से निकालकर स्टॉक कर खेतों में बनाए गए यह पहाड़ लगभग 50 से 80 फुट ऊंचे हैं व हजारों फुट लंबे हैं।

इन पहाड़ों पर कई हैवी ड्यूटी पोकलेन व जे.सी.बी. दिन-रात चलती रहती हैं जो रेत को उठा-उठा कर और ऊंचा कर पहाड़ नुमा बना रही हैं। हर खनन ठेकेदार द्वारा लगभग लाखों टन रेत इकट्ठा कर यह पहाड़ बनाए गए हैं जिस कारण यमुना नदी व इस क्षेत्र की हजारों एकड़ उपजाऊ भूमि को भी इस रेत के कारण भारी नुक्सान पहुंच रहा है। स्थानीय लोगों व दोपहिया वाहन सवारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

क्षेत्र के कई समाजसेवी, पर्यावरण प्रेमियों व आर.टी.आई. एक्टिविस्ट ने इसकी शिकायत कई बार स्थानीय प्रशासन, सी.एम. विंडो, डायरैक्टर जनरल माइंस एंड जियोलॉजी विभाग व एन.जी.टी. को भी की है। कई बार हैड ऑफिस से कई विभागों की टीमें क्षेत्र का दौरा करने भी आई हैं परंतु खनन ठेकेदारों पर इन विभागों द्वारा क्या कार्रवाई की गई है इसकी अभी तक क्षेत्रवासियों को कोई जानकारी नहीं है।

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