यमुनानगर : अप्रैल माह से आग लगने का सिलसिला शुरू हो जाता है। कभी किसी फैक्ट्री, तो कभी किसानों की फसलों में आग लग जाती है। बचाव के लिए हर किसी की निगाह दमकल कर्मचारियों पर होती है। कई बार बचाव के दौरान इन कर्मियों की जान भी जोखिम में रहती है। उधर, दमकल कर्मचारी अपनी जान पर खेलकर जान व माल की रक्षा करते हैं। गत दिनों खालसा कालेज रोड पर हुआ भीषण अग्निकांड इस बात का गवाह है। वहां मौके पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया। इस दौरान तीन जान चली गई थी, लेकिन आग में फंसे पांच परिवारों को निकाल लिया गया था। इस तरह के हादसों में कई बार दमकल कर्मियों की जान भी चली जाती है। जान गंवाने वाले दमकल कर्मियों की याद में हर वर्ष राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस मनाया जाता है। जिसमें बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
दमकल विभाग में 118 कर्मी :
यह हैं संसाधन :
जिले में 25 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां है। इनमें पांच छोटी गाड़ियां शामिल हैं। यमुनानगर फायर स्टेशन पर 18, छछरौली में एक, बिलासपुर में एक, मानकपुर में एक व रादौर में एक गाड़ी तैनात रहती है। बाकी गाड़ियां जगाधरी फायर स्टेशन पर तैनात रहती है। जिले की बात करें, तो यहां पर जंगल का बड़ा एरिया है। इसके साथ ही प्लाईवुड व मेटल इंडस्ट्री भी हैं। इनमें आग लगने की घटनाएं होती रहती है। गर्मियों में यह अधिक बढ़ जाती है।
जोखिम में रहती है कर्मियों की जान :
जिला दमकल अधिकारी प्रमोद दुग्गल का कहना है कि कर्मियों की जान हमेशा जोखिम में रहती है। कई बार आग के बीच में सिलेंडर को निकालना पड़ता है, तो कभी सिलेंडर में लगी आग को बुझाने के दौरान भी हादसा होने का खतरा रहता है। इससे खुद का भी बचाव करना होता है और जोखिमों के बीच दूसरे के जान व माल की रक्षा करनी होती है। इसके लिए फायर ब्रिगेड के कर्मचारी हमेशा तैयार हैं।