यमुनानगर :
शिक्षा विभाग ने दो दिन पहले शुरु की 58 निजी स्कूलों की जांच को फिलहाल ठंडे बस्ते में डालने का मन बना लिया है। अब ये किसी प्रकार का दबाव है या मजबूरी ये तो शिक्षा विभाग के अधिकारी ही जाने, लेकिन अभिभावक सेवा मंच को यह बात हजम नहीं हो रही।
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अभिभाव सेवा मंच के पदाधिकारी संजय मित्तल ने कहा कि शिक्षा विभाग रसूखदारों और पार्टी के नेताओं के दबाव में निजी स्कूलों को बचाने का काम कर रहा है। निजी स्कूलों ने अभिभावकों को लूटने काम किया है। मनमर्जी से फीस वसूली है। वहीं, विशेष दुकान से ही किताबें, स्टेशनरी और वर्दी लेने के लिए अभिभावकों को बाध्य किया ताकि उनकी कमीशनखोरी का खेल जारी रह सके।
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अभिभावकों द्वारा स्कूलों के खिलाफ की जा रही शिकायतों के बाद विभाग ने खानापूर्ति करते हुए आदेश तो जारी कर दिए और अब जांच से बच रहा हैं। पर स्कूलों की जांच नहीं की गई तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने जांच में अभिभावक सेवा मंच के सदस्यों को भी शामिल करने की मांग की। नेताओं और रसूखदारों के स्कूल भी जांच के घेरे में
संजय मित्तल का कहना है कि जब आदेश जारी कर दिए गए हैं तो विभाग जांच करवाने में पीछे क्यों हट रहा है। ये तो किसी दबाव में स्कूलों को जांच के लिए सभी दस्तावेज पूरे करने का समय देने की ओर इशारा है। वहीं, जिनकी जांच में ड्यूटी लगाई गई है। उन पर भी संशय है। इस बारे में शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से मिलेंगे। उनको स्थिति से अवगत करवाया जाएगा। वर्जन
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निजी स्कूलों की जांच फिलहाल आगे सरका दी गई, क्योंकि जांच करने वाले कुछ प्रिसिपलों की ड्यूटी बोर्ड परीक्षाओं में लगी है। 29 अप्रैल को परीक्षाएं समाप्त हैं, उसके बाद जांच की जाएगी।
– सतपाल कौशिक, जिला शिक्षा अधिकारी