पहले 50 अब 25-25 लाख से करवाए जाने वाले कार्य फाइलों में, पार्षदों से नहीं मांगी रिपोर्ट

हाउस की बैठकों में पास हुए प्रस्ताव हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। नगर निगम के 22 वार्डों में पहले 50-50 व अब 25-25 लाख रुपये की लागत से होने वाले विकास कार्य फाइलों तक ही सीमित है। ये कार्य एमसी फंड से करवाए जाने हैं। प्रस्ताव के तहत ऐसे कार्य करवाए जाने हैं जिन पर दो लाख रुपये से अधिक लागत न हो। पार्षदों के मुताबिक अब तक कार्यों की लिस्ट तक नहीं मांगी गई है।

 यमुनानगर : हाउस की बैठकों में पास हुए प्रस्ताव हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। नगर निगम के 22 वार्डों में पहले 50-50 व अब 25-25 लाख रुपये की लागत से होने वाले विकास कार्य फाइलों तक ही सीमित है। ये कार्य एमसी फंड से करवाए जाने हैं। प्रस्ताव के तहत ऐसे कार्य करवाए जाने हैं जिन पर दो लाख रुपये से अधिक लागत न हो। पार्षदों के मुताबिक अब तक कार्यों की लिस्ट तक नहीं मांगी गई है। जबकि 24 मार्च हो हाउस की बैठक में यह प्रस्ताव पास हो चुका है। पार्षद निगम प्रशासन पर मनमानी के आरोप लगा रहे हैं। क्योंकि हाउस की पिछली बैठकों में पास हुए कार्यों को भी आज तक अंजाम नहीं दिया गया। बता दें कि 26 जून 2019 को विकास कार्यों को लेकर हुई हाउस की पहली बैठक में हर वार्ड के लिए एमसी फंड से 50-50 लाख रुपये के कार्यों को मंजूरी मिली थी। ये प्रस्ताव भी लंबित :

निगम की जमीन में खड़े पेड़ों पर नंबर लिखने और सूखे पेड़ों को काटकर नीलामी करने के लिए पेड़ों का सर्वे नहीं हो पाया।

– निगम एरिया में पड़ी जमीन की निशानदेही करवाकर अतिक्रमण हटाने के प्रस्ताव में निशानदेही आज तक नहीं हो पाई।

– बरसाती पानी की निकासी के लिए नालों से अवैध कब्जे हटाने के लिए ईओ, एक्सईएन, एमई की कमेटी का गठन जरूर किया, लेकिन कार्रवाई इससे आगे नहीं बढ़ पाई।

– पीड्ब्ल्यूडी की 16 सड़कों को नगर निगम के सुपुर्द करने का प्रस्ताव फाइलों तक ही सीमित है।

– दड़वा गांव में 30 एकड़ जमीन पर पर्यावरण संग्रहालय बनाने व इस स्थान को पर्यटन स्थल के रूप में विकास करने व एसटीपी के पानी से बिजली उत्पादन करने व इस पानी को खेती के लिए उपयोग में लाने के बारे में प्रस्ताव भी फाइलों तक सीमित रह गए।

पार्षदों में रोष :

वार्ड-13 से पार्षद निर्मल चौहान का कहना है कि नगर निगम एरिया में जमीन पर अवैध कब्जों का मुद्दा बड़ा है। हाउस की हर बैठक में चर्चा होती है कि निगम की जमीन की तारबंदी की जाए ताकि अवैध कब्जे न हों। वार्ड आठ से पार्षद विनोद मरवाह का कहना है कि आज तक नगर निगम कार्यालय में पार्षदों को बैठने की जगह नहीं मिली। बाहर दीवार या बाइकों पर बैठकर काम करते हैं। वार्ड-20 से पार्षद रेखा राणा का कहना है कि हाउस की बैठकें तो औपचारिकता साबित हो रही है। पहली ही बैठक में जो काम पास हुए थे, उनमें से अधिकांश पर अमल नहीं हुआ है। सफाई तक की व्यवस्था नहीं हो पा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *