यमुनानगर :
प्रापर्टी टैक्स के साथ भारी भरकम यूजर चार्ज शहरवासियों को खूब खल रहा है। हालांकि यह प्रापर्टी के हिसाब से निर्धारित है, लेकिन यूजर चार्ज की राशि देखकर जुबां पर यही बात आ रही है कि न तो डोर टू डोर कचरा उठ रहा है और न ही सफाई हो रही है। ऐसे में यूजर चार्ज के क्या मायने। आमजन के साथ जन प्रतिनिधि भी यह सवाल उठा रहे हैं। ऐसे लोगों की संख्या कम नहीं है जो हर इसको माफ करवाने के लिए निगम अधिकारियों के पास पहुंच रहे हैं। बता दें कि यमुनानगर-जगाधरी में कुल 178975 यूनिट हैं। मकान, दुकान या खाली प्लाट के लिए यूजर चार्ज की अलग-अलग राशि निर्धारित है।
20 रुपये लेकर : चार हजार तक
सभी 22 वार्ड में लोगों से यूजर चार्ज (उपयोगकर्ता शुल्क) वसूला जा रहा है। यह चार्ज यूएलबी की नोटिफिकेशन-2011 अनुसार लग रहा है। जिसमें धर्मशाला, धार्मिक स्थल व खेल क्लब से कोई शुल्क न लेने। वहीं, बीपीएल घरों, अधिसूचित स्लम, मलिन बस्ती व ईडब्ल्यूएस फ्लैट से 5 रुपये मासिक चार्ज का प्रावधान है यानी, इन्हें कुछ राहत है।
शहर में भी बिगड़े हालात :
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प्रबंधन की व्यवस्था न होने के कारण शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। बस स्टैंड यमुनानगर के सामने, भगत सिंह चौक के पास, शहीद नवीन वैध सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास, छोटी लाइन, दशहरा ग्राउंड सहित अन्य कई जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। जगाधरी शहर में भी ऐसे ही हालात बने हुए हैं। आउटर की कालोनियों में स्थिति ज्यादा खराब देखी जा रही है। निगम कर्मचारी नियमित रूप से कचरा नहीं उठा रहे हैं। इसके अलावा आउटर के वार्डों में हालात ज्यादा खराब देखे जा रहे हैं।
सिरे नहीं चढ़ पाई निगम की योजना :
टेंडर अवधि समाप्त होने के बाद निगम एरिया से कचरा उठान व प्रबंधन के लिए अधिकारियों ने पहले सिगल टेंडर लगाया। इस पर निगरानी कमेटी व निगम पार्षदों ने एतराज जताया। मामला सीएम मनोहर लाल तक पहुंचा। जिसके चलते मेयर मदन चौहान ने आनन-फानन में हाउस की बैठक बुलाई। इसमें सर्व सम्मति से सिगल टेंडर को रद करने व आठ जोन बनाकर दोबारा टेंडर प्रक्रिया शुरू करने का प्रस्ताव पास किया गया। अनुमति के लिए प्रस्ताव यूएलबी को भेजा गया, लेकिन अनुमति नहीं बल्कि आठ की बजाय चार जोन बनाकर दोबारा प्रक्रिया शुरू करने के आदेश मिले। अब चार बनाकर टेंडर लगाने की योजना है।
केस नंबर एक
वार्ड नंबर आठ से पार्षद विनोद मरवाह ने बताया कि उसके प्रापर्टी टैक्स के बिल के साथ 960 रुपये यूजर चार्ज लगकर आया है। डोर टू डोर कचरा उठान तो दूर शहर के डंपिग प्वाइंट्स से भी कचरा नहीं उठ रहा है। ऐसे में भारी भरकम यूजर चार्ज लगाकर शहरवासियों के साथ धोखा किया जा रहा है। फोटो : 5
केस नंबर दो
विष्णु नगर निवासी राहुल दुरेजा ने बताया कि उनके बिल में 2400 रुपये यूजर चार्ज लगा है। उनकी कालोनी में कचरा उठान के लिए कर्मचारी नहीं पहुंच रहे हैं। डोर टू डोर कचरा उठान नहीं हो रहा है। शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। ऐसे में यूजर चार्ज लगाना कहां तक जायज है?
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