शालिनी ने साढौरा में खिलाया कमल:चुन ली साढौरा की सरकार , विधायकी की हार का बदला भाजपा ने कांग्रेस से नगरपालिका में लिया

साढौरा नगर पालिका चुनाव के बुधवार को नतीजे आ गए। प्रशासन की तरफ से बेहतर इंतजाम किए गए थे। आठ बजे काउंटिंग शुरू हुई और 9 बजकर 23 मिनट पर काउंटिंग पूरी हो गई थी। चेयरमैन की कुर्सी पर भाजपा कब्जा करने में कामयाब रही। कड़ी टक्कर में भाजपा उम्मीदवार शालिनी 122 वोट से जीती। शालिनी काे 2135 और दूसरे नंबर पर रही कांग्रेस समर्थित निशा अग्रवाल को 2013 वोट पड़े। साढौरा में 27 साल बाद नगर पालिका चुनाव हुए हैं। यहां पर पहले पंचायत थी। पंचायत को भंग कर नगर पालिका बनाई गई थी।

बता दें कि भाजपा साढौरा विधानसभा चुनाव हार गई थी। कांग्रेस की रेनू बाला ने विस चुनाव में एकतरफा जीत हासिल की थी। साढौरा एरिया में सत्ता में दखल के लिए भाजपा ने पूरा जाेर लगाया। प्रचार के लिए शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से लेकर सांसद नायब सैनी, पू्र्व मंत्री कृष्ण बेदी, विधायक घनश्यामदास अरोड़ा, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सपरा समेत जिले की पूरी टीम यहां प्रचार के लिए लगा दी थी। जिससे भाजपा यहां पर जीत दर्ज कर पाई। वहीं कांग्रेस ने समर्थित उम्मीदवार तो उतारा, लेकिन कोई बड़ा नेता प्रचार के लिए नहीं आया।

ज्यादातर नेताओं ने प्रचार से दूरी बनाए रखी। जिस कारण मजबूत उम्मीदवार के बाद भी जीत नहीं पाई। यहां पर कांग्रेस विधायक रेनू बाला की सांख दाव पर थी तो भाजपा में पूर्व विधायक बलवंत चौधरी का राजनीतिक भविष्य। चेयरमैन की जीत के बाद यहां पर बलवंत मजबूत होंगे। जब शालिनी की जीत घोषित हुई, तब समर्थकों ने शालिनी का नाम लेकर कम, बलवंत चौधरी का नाम लेकर ज्यादा नारे लगाए।

ये भी जानें } कांग्रेस ने निशा अग्रवाल को समर्थित उम्मीदवार घोषित किया, लेकिन प्रचार में ताकत नहीं झोंकी, भाजपा ने सांसद, मंत्री समेत कई नेताओं को प्रचार के लिए बुलाया

भाजपा के 4 पार्षद जीते, एक आजाद को भी अपना बता रहे, जजपा के तीनों हारे

भाजपा ने 13 वार्ड में से 10 पर अपने उम्मीदवार उतारे। वहीं 3 वार्ड जजपा समर्थित उम्मीदवार के लिए छोड़े। भाजपा भले ही चेयरमैन की कुर्सी पाने में कामयाब रही, लेकिन वार्डों में पिछड़ गई। भाजपा 4 वार्ड में ही जीत पाई। हालांकि भाजपा नेताओं का दावा है कि वार्ड 6 से जीता नायब सिंह भी उनका समर्थित उम्मीदवार है। उधर, जजपा के लिए छोड़े तीनों वार्ड में जजपा समर्थित उम्मीदवार हार गए। वहीं इनेलो के 2 वार्ड में पार्षद जीते। सामने आया कि पार्षद पद के लिए मैदान में उतरे आजाद उम्मीदवारों का दबदबा रहा। छह वार्ड में आजाद उम्मीदवार जीते।

पहला लक्ष्य } सबसे पहले गलियों की हालत ठीक करूंगी : शालिनी शर्मा

चेयरमैन चुनाव जीती शालिनी ने भास्कर से बातचीत में कहा कि साढौरा विकास में पिछड़ रहा है। जिस तरह से भाजपा की नीति है सबका साथ और सबका विकास। इसी नीति पर ही काम किया जाएगा। किसी भी वार्ड में विकास कराने में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। सबसे पहला काम हर कॉलोनी और मोहल्ले की गलियों की हालत सुधारने का होगा। वहीं सीएम मनोहर लाल ने सरकारी अस्पताल की नई बिल्डिंग की घोषणा की हुई है। इसका जल्द काम शुरू कराकर पूरा कराना उनकी प्राथमिकता रहेगी।

भाजपा की जीत के 2 बड़े कारण: मोनू बिजली वाला और भाजपा की मैनेजमेंट

भाजपा ने चेयरमैन पद का टिकट पिछले पंचायत चुनाव में हारे उम्मीदवार को देने की बजाए घरेलू महिला शालिनी को दिया। शालिनी पहले ब्लॉक समिति मेंबर रही हैं। उन्हें टिकट देने के पीछे और जीत के पीछे उनके पति मोनू बिजली वाले का बड़ा सहयोग रहा। उनके पति का असली नाम राहुल देव है, लेकिन उस नाम से शायद ही उन्हें साढौरा में कोई जानता हो, हर गली में मोनू बिजली वाले के नाम से वे मशहूर हैं। हर गली में उनके जानकार हैं। शालिनी को टिकट देने के बाद जब चुनाव प्रचार की बात आई तो साढौरा में भाजपा दो गुटों में बंटी हुई है।

भाजपा नेताओं को डर था कि दोनों गुटों की वजह से पार्टी हार सकती है। वहीं संगठन भी यहां पर कमजोर है। इसलिए पूरी कमान भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सपरा ने संभाली। उन्होंने पूरी जिला कार्यकारिणी को प्रचार में लगाया। शालिनी के चुनावी आॅफिस पर हर समय लोगों की भीड़ नजर आती थी और प्रचार में भी सैकड़ों लोग लगाए गए। इस मैनेजमेंट से शालिनी जीत तक पहुंची।

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