यमुनानगर :
ट्विन सिटी के चौकों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना सिस्टम से हार गई। दो वर्ष पहले बनी योजना की फाइल आज तक नहीं खुल पाई। हालांकि शुरुआती दौर में निगम को जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन बाद में निर्णय लिया गया कि इस योजना को गृह विभाग अंजाम देगा। सड़क सुरक्षा को लेकर आयोजित बैठकों में यह मुद्दा हर बार उठाया जाता है। यदि कैमरे लग जाते तो शहर की सुरक्षा व्यवस्था वर्तमान के मुकाबले कई गुणा बढ़ जाती है। इससे न केवल अपराध को सुलझाने में मदद मिलती बल्कि ट्रैफिक पुलिस को यातायात व्यवस्था संभालने में भी मदद मिलती।
गृह विभाग को सौंपी थी सूची
शहर में बढ़ रहीं वारदातें
यमुनानगर-जगाधरी में स्नेचिग, लूट, हत्या, चोरी जैसी वारदातों का आंकड़ा बढ़ रहा है। शायद ही ऐसा कोई दिन बीतता है जिस दिन इस तरह की घटनाओं को अंजाम नहीं दिया जा रहा हो। झपटमारों का ज्यादातर शिकार महिलाएं होती हैं। कई वारदात लोगों के घरों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से सुलझी भी हैँ। इसलिए शहर में प्रशासन ने सीसीटीवी कैमरे लगाना जरूरी है। नगर निगम ने सीसीटीवी लगाने का एस्टीमेट करीब साढ़े नौ करोड़ रुपये बनाया था। शायद बजट मोटा होने के कारण ही अभी तक कैमरे नहीं लग पाए हैं।
चौराहों पर लगे कैमरे भी खराब
इससे पहले पुलिस ने विश्वकर्मा चौक, कमानी चौक, अग्रसेन चौक, बूड़िया चौक, सरनी चौक, फव्वारा चौक, जगाधरी बस स्टैंड पर सीसीटीवी लगाए थे। इनमें से अधिकांश कैमरे खराब हैं। यातायात व्यवस्था पर विशेष रूप से नजर रखने के लिए इनका कंट्रोल रूम ट्रैफिक थाने में बनाया गया था। इनकी मदद से पुलिस चौराहों पर या तायात नियम तोड़ने वालों के चालान करती थी। शुरुआती दौर में कैमरे ठीक चले, लेकिन बाद में तकनीकी खराबी आनी शुरू हो गई।