यमुनानगर :
शहर का सीवरेज सिस्टम जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है। नियमित तौर पर सफाई न होने का खामियाजा तो शहर भुगत ही रहा है, लेकिन शहरवासी सुरक्षित भी नहीं हैं। सीवरेज के मैनहोल जगह-जगह खुले पड़े हैं। कहीं से ढक्कन गायब है तो कहीं मैनहोल के पास सड़क धंस जाने से गहरा गड्ढा हो गया। उधर, मानसून सीजन शुरू होने वाला है। ऐसी स्थिति में कब और कहां हादसा हो जाए कुछ कह नहीं सकते। न केवल आउटर की कालोनियों में, बल्कि शहर के पाश एरिया में भी विभाग का इस ओर ध्यान नहीं है।
माननीयों के वार्ड में ये हालात :
टीम ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों को दौरा कर सीवरेज के मैनहोल की स्थिति जानी। विधायक घनश्याम दास अरोड़ा व मेयर मदन चौहान के अपने वार्ड के माडल टाउन की सड़कों पर सीवरेज के मैनहोल टूटे पड़े हैं। गोबिदपुरा रोड पर सड़क के बीचोंबीच मैनहोल टूटा हुआ है। यह एक साइड से ऊंचा है तो दूसरी साइड से नीचा। वाहन चालक अकसर इससे टकरा रहे हैं। कुछ दूरी तय करते हुए बीकानो होटल के पास सीवरेज के मैनहोल के पास सड़क धंस चुकी है। इस सड़क पर पानी की निकासी की समस्या विकट है। बारिश होने पर यहां जल भराव हो जाता है। ऐसे में सीवरेज के ये मैनहोल हादसे का कारण बन सकते हैं। यही स्थिति प्यारा चौक व रिक्शा चौक से शास्त्री पार्क की ओर जाने वाली सड़क पर है।
कर्मचारी बरत रहे लापरवाही :
बूड़िया चौक से लेकर बूड़िया तक बिछाई गई सीवरेज लाइन के अधिकांश मैनहोल से ढक्कन गायब हैं। कोई गड्ढे में पड़ा हुआ है तो किसी को हटाकर एक साइड रख दिया गया। इसके अलावा तीर्थ नगर से बाडी माजरा की ओर जा रही सड़क पर सीवरेज लाइन के मैनहोल से ढक्कन गायब हैं। यहां लोगों ने बताया कि कर्मचारी सफाई करने के लिए आ थे, लेकिन बाद में इसे खुला छोड़ दिया गया है। इसके अलावा शहर के भगत सिंह पार्क के पास मैनहोल का ढक्कन अकसर खुला रहता है।
सफाई की भी बड़ी समस्या :
यमुनानगर में 540 व जगाधरी में 255 किलोमीटर से अधिक लंबी सीवरेज लाइन है। दोनों पुराने शहर हैं। अधिकतर एरिया में सीवर लाइन डाली हुई है, लेकिन सीवर लाइन में जो पाइप लाइन डाले गए हैं, वह कनेक्शनों के सामने छोटे पड़ने लगे हैं। जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के पास सीवर लाइन सफाई करने के लिए दो मशीनें हैं। एक मशीन यमुनानगर व दूसरी जगाधरी के लिए है। आबादी के लिहाज से यह कम हैं। गत माह कैंप में सीवरेज लाइन साफ करने के लिए अंबाला से मशीन मंगवाई गई थी। दूसरा, जगाधरी की तंग गलियों में गाड़ी नहीं आ जा सकती। इससे भी काम प्रभावित होता है।
ऐसा हो तो बेहतर :
बरसात से पहले ऐसे प्वाइंटों की निशानदेही कर ढक्कन रखवाना या धंसी हुई सड़क को ठीक करवाना सुनिश्चित किया जाए।
शिकायत किए जाने पर तुरंत ढक्कन रखवाया जाए। उच्चाधिकारी भी इस ओर ध्यान दें।
विभाग खुद के कर्मचारी व अधिकारी गली-गली जाकर ऐसे प्वाइंटों की करें निशानदेही
अपने-अपने एरिया की रिपोर्ट न देने वाले जेई या संबंधित अधिकारी पर हो कार्रवाई हो।
एक निश्चित अवधि से पहले ढक्कन टूटने पर संबंधित फर्म पर हो कार्रवाई
अच्छी क्वालिटी के ढक्कन व फ्रेम लगाए जाएं ताकि बार-बार ना टूटे
गलियों के अंदर जाकर हालात देखे जाएं।
अधिकारी लें संज्ञान :
वार्ड आठ से पार्षद विनोद मरवाह, वार्ड चार से देवेंद्र कुमार व पांच से विनय कांबोज का कहना है कि जगह-जगह खुले सीवरेज के मैनहोल बारिश के सीजन में हादसों का कारण बन सकते हैं। इस बारे विभागीय अधिकारियों को शिकायत की जा चुकी है। बावजूद इसके संज्ञान नहीं लिया गया। बारिश का सीजन शुरू होने से पहले इस ओर ध्यान दिया जाए। खुले मैनहोल के कारण पूर्व में हादसे हो चुके हैं।