राजस्थान में सांप्रदायिक हिंसा और तनाव थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। हालात यह हैं कि प्रदेश में तीन महीने की अंदर तीन बड़ी हिंसक घटनाएं सामने आ चुकी हैं। उदयपुर की घटना को छोड़कर राज्य में चार साल में छह बड़े दंगे हो चुके हैं। इधर, उदयपुर में दर्जी की गला रेतकर हत्या करने के बाद पूरे प्रदेश में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। साथ ही सभी जिलों में धारा 144 भी लागू कर दी गई है। जिले के साथ थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू भी लगाया गया है। आइए अब हम आपको बताते हैं उदयपुर में क्यों बवाल मचा हुआ है और प्रदेश के छह जिलों में कब और बिगड़ते थे हालात..?
महिलाओं के कानों की बालियां सूट बूट पहनकर ऐसे चुराता था कि महिलाएँ देखती ही रह जाती थी
28 जून उदयपुर: दर्जी की हत्या के बाद पूरे राजस्थान में इंटरनेट बंद, जिले में कर्फ्यू
हत्या का मामला शहर के धानमंडी इलाके के भूत महल क्षेत्र का है। यहां कन्हैयालाल दर्जी की दुकान चलाता है। मंगलवार को वह अपने साथियों के साथ दुकान पर काम कर रहा था। इस दौरान बाइक पर आए दो मुस्लिम युवक उसे कपड़े का नाप देने लगे। उसके बाद अचानक हथियार से हमला कर दिया। करीब सात वार करने के बाद उसकी मौत हो गई। हमले के दौरान बीच-बचाव करने आया उसका साथी ईश्वर सिंह भी गंभीर रूप से घायल हो गया है। उसे इलाज के लिए शहर के एमबी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वारदात को दोपहर करीब 3.30 बजे अंजाम दिया गया था। हत्या के कुछ देर बाद हिंदू संगठनों ने इलाके में विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद शहर में इंटरनेट बंद किया गया फिर सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया। फिर पूरे राजस्थान में कर्फ्यू और धारा 144 लागू कर दी गई। वहीं देर शाम पुलिस ने राजसमंद जिले से दोनों हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया। राजस्थान सरकार ने मृतक के परिजनों को 31 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही मृतक के परिवार के 2 सदस्यों को संविदा नौकरी देने का भी एलान किया है। बता दें कि नुपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट शेयर करने को लेकर युवक की हत्या की गई है। हालांकि यह पोस्ट मृतक कन्हैलाल ने नहीं उसके आठ साल के बेटे ने शेयर किया था।
दो मई जोधपुर: धार्मिक झंडा हटाने पर विवाद, हालात बिगड़े तो लगाना पड़ा कर्फ्यू
जोधपुर में परशुराम जयंती के उपलक्ष्य में रैली निकाली गई थी। इस दौरान जालोरी गेट चौराहे पर झंडे लगाए गए। दो मई की देर रात ईद को लेकर समाज के लोगों ने इसी चौराहे पर झंडे लगाने की कोशिश की। लोग वहां पहले से लगे झंडों को हटाकर अपने धर्म के झंडे लगाने लगे, दूसरे समाज के लोगों ने इसका विरोध किया। इस दौरान एक युवक के साथ विशेष समुदाय के लोगों ने मारपीट कर दी। इसके बाद मौके पर जुटी भीड़ ने नमाज के लिए लगाए गए लाउडस्पीकरों को पोल से हटा दिया। दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए और पत्थरबाजी शुरू हो गई। पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागकर कर हालात काबू में किए। पथराव में डीसीपी भुवन भूषण यादव, एसएचओ अमित सिहाग सहित चार पुलिसकर्मी और कुछ मीडियाकर्मी भी घायल हो गए थे। कई दिन बाद शहर के दस थाना इलाकों से कर्फ्यू हटाया गया था।
दो अप्रैल करौली: बाइक रैली के पर पथराव के बाद भड़की हिंसा, दुकान और मकानों में लगा दी गई थी आग
हिंदू नव वर्ष पर निकाली गई बाइक रैली पर विशेष समुदाय के लोगों ने पथराव कर दिया था। इससे शहर के हटवारा बाजार में हिंसा भड़क गई। उपद्रवियों ने 35 से ज्यादा दुकानों, मकानों और बाइकों को आग के हवाले कर दिया। बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रशासन तुरंत हरकत में आया और शहर में धारा 144 लागू कर दी, लेकिन इससे हालात नहीं संभले। इसके बाद प्रशासन ने जिले में कर्फ्यू लगाया और फिर इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी थी। हिंसा में पुलिसकर्मियों सहित 43 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस हिंसा के बाद लगे कर्फ्यू के कारण शहर के लोग करीब 15 दिन तक घरों में कैद रहे थे।
19 जुलाई 2021 झालावाड़: युवाओं के बीच हुए विवाद के बाद बिगड़े हालात
शहर के एक इलाके में दो समुदाओं के युवाओं के बीच किसी बात पर विवाद हो गया। इसके कुछ देर बाद यहां हिंसा भड़क गई। दोनों समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए। घरों, दुकानों और बाइकों में आगजनी और तोड़फोड़ की जाने लगी। बल प्रयोग कर पुलिस ने लोगों को काबू किया। अफवाहों को रोकने के लिए प्रशासन ने कुछ इलाकों में तीन दिन के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी। इस दौरान हिंसा भड़काने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में पुलिस ने 200 से ज्यादा लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
बारां 11 अप्रैल 2021: दो युवकों की हत्या के बाद भीड़ हुई हिंसक, आंसू गैस के गोले छोड़ किया काबू
जिले के छाबड़ा में दो युवकों की हत्या होने के बाद हिंसा भड़क गई। हालात काबू में करने के लिए पुलिस ने इंटरनेट बंद कर कर्फ्यू लगा दिया गया। सांप्रदायिक हिंसा के दौरान दर्जनों वाहनों, दुकानों और मकानों में आग लगा दी गई। हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। उग्र प्रदर्शनकारियों ने सरकारी वाहन और संपत्ति को भी आग के हवाले कर दिया था।
24 सितंबर 2020 डूंगरपुर: आंदोलन उग्र हुआ तो उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे पर बिगड़े हालात
राजस्थान शिक्षक भर्ती 2018 की अनारक्षित वर्ग की सीटों को जनजाति वर्ग से भरने की मांग को लेकर सात सितंबर को कांकरी डूंगरी पर आंदोलन शुरू हुआ। 200 से ज्यादा अभ्यर्थी पहाड़ी पर धरने पर बैठे गए। तत्कालीन चौरासी विधायक राजकुमार रोत भी धरने में शामिल हुए। हाईवे जाम की चेतावनी के बाद डूंगरपुर, उदयपुर सहित अन्य जिलों से बड़ी संख्या में युवा धरना स्थल पर पहुंचते रहे। 24 सितंबर को युवाओं की भीड़ कांकरी डूंगरी पहाड़ी से उतरी और उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे पर हिंसा करने लगी। इस दौरान पथराव में 35 पुलिसकर्मी घायल हुए। घरों, होटलों और वाहनों में आगजनी की गई। हालात काबू में करने पुलिस को तीन दिन लग गए। 27 सितंबर को हाईवे पर यातायात बहाल हो सका था।
08 अक्टूबर 2019 टोंक: जुलूस पर पथराव, कर्फ्यू के बाद इंटरनेट सेवा भी करनी पड़ी थी बंद
जिले में दशहरा का जुलूस निकाला जा रहा था। कुछ उपद्रवियों ने मालपुरा कस्बे में जुलूस में शामिल लोगों पर पथराव शुरू कर दिया। इकसे बाद हिंसा भड़क गई। हालात काबू में करने के लिए प्रशासन ने इंटरनेट सेवा बंद कर कर्फ्यू लगाया। साथ ही कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए टोंक और जयपुर से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाकर शहर में तैनात किया गया है। पुलिस जवानों के बीच 9 अक्टूबर को रावण का पुतला दहन किया गया था।