अंबाला में जोरदार धमाके से हड़कंप मच गया। तोप के 259 गोले के धमाके से दहशत फैल गई। हालांकि गांव के लोगों को पहले ही अलर्ट कर दिया गया था।
करीब दो किलोमीटर दूर तक इन धमाकों की आवाज सुनाई दी।
सैन्य टीम ने भी पूरे गांव के आसपास के इलाके को सील कर दिया था। जहां पर ब्लास्ट हुआ है, वहां कोई नहीं जा सकता था।
शहजादपुर के मंगलौर गांव के पास बेगना नदी से 25 फरवरी को मिले 50 साल से अधिक पुराने 259 तोप के गोले रविवार को सेना ने कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच धमाकों के साथ नष्ट कर दिए। करीब दो किलोमीटर दूर तक इन धमाकों की आवाज सुनाई दी।
दोपहर एक बजे धमाके किए गए
गोले बरामद होने के बाद सेना के आर्डिनेंस कोर की टीम और पुलिस का यहां पहरा था। बमों को रविवार को फ्री फार एक्सप्रेसस होम (एफएफई) करने से पहले लेफ्टिलेंट कर्नल अजय उपाध्याय और मेजर विवेक बाजपेयी, सुबेदार विजय कुमार, बी पठानी, जीएस नेगी सहित दो दर्जन से अधिक अधिकारियों और सैनिकों की टीम ने एफएफई कराने के जय बजरंगबली के जयकारे लगाए। इसके बाद दोपहर एक बजे धमाके किए गए।
धमाकों की आवाज और उससे उठा गुब्बार को करीब दो किलोमीटर दूर तक सुना और देखा गया। अभी इस क्षेत्र के सेना अधिकारियों ने सर्च करने के लिए अपनी देखरेख में रखा है।
25 फरवरी को मिले थे 232 गोले
मगलौर गांव के किनारे जंगल के साथ बेगना नदी में वन विभाग के कर्मियों ने थोड़ी-थोड़ी दूरी पर 232 गोलों को देखा। सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस और सेना के अधिकारियों ने जब नदी और आसपास सर्च किया तो 27 गोले और बरामद हो गए। इस तरह कुल मिलाकर 259 गोले एकत्र करके आसपास की गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई थी। 10 दिनों बाद रविवार को सेना के अधिकारियों की मौजूदगी में इन गोलों को नष्ट किया गया।
एक-एक मिनट के अंतराल पर तीन धमाके
सेना अधिकारियों ने तोप के गोलों को नष्ट करने के लिए तीन बड़े-बड़े गड्ढों में सभी 259 गोलों को लगा दिया। इसके बाद सैन्य टीम 15 मिनट का टाइम सेट कर एक किलोमीटर दूर सुरक्षित स्थान पर पहुंच गई। गांवों और आसपास पहले ही सरपंच और पुलिस ने सतर्क रहने की मुनादी करा रखी थी